हावड़ा में कोरोना से महिला की मौत रविवार से अस्पताल में थी भर्ती


हावड़ा : पूरे विश्व में जिस कोरोना वायरस से लोग दहशत मे है. आज उसी कोरोना वायरस ने एक महिला की जान ले ली. हावड़ा जिला अस्पताल में इलाजरत मालीपांचघड़ा थानांतर्गत सालकिया के उत्तम घोष लेन की रहनेवाली उस महिला की सोमवार देर रात 2 बजे के करीब मौत हो गई। इस तरह से कुल मिलाकर राज्य में तीन लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो गई है. अब पश्चिम बंगाल राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या 25 है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार सांस लेने में तकलीफ होने पर महिला को रविवार को हावड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही देखिये कि उस महिला को फीमेल मेडिसिन वार्ड में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उसकी लार और रक्त के नमूने की रिपोर्ट एसएसकेएम अस्पताल से आई थी, जाँच में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. इससे पहले कि महिला का इलाज शुरू हो पाता सोमवार देर रात उसने दम तोड़ दिया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला उत्तर बंगाल के डुआर्स, कलिंगपोंग में घूमने गई थी. इससे यह स्पष्ट होता है कि वह डुआर्स से ही कोरोना वायरस से संक्रमित होकर घर आयी थी. इसके अलावा यह भी पता चला है कि कार्य के सिलसिले में वह पिछले दिनों विदेश घूम कर आई थी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार 6मार्च को अपने परिवार और अन्य लोगों के साथ कंचनजंघा एक्सप्रेस से उत्तर बंगाल घूमने गई थी और दार्जिलिंग एक्सप्रेस से 13 मार्च वह कोलकाता लौटी. अस्वस्थ होने पर उसने यहाँ एक स्थानीय डॉक्टर से चिकित्सा कराई. चिकत्सक ने उसे जायसवाल अस्पताल रेफर कर दिया. जायसवाल अस्पताल से उसे सत्यबाला अस्पताल भेजा गया जहाँ से उसे 29 मार्च को हावड़ा अस्पताल में कोरोना वायरस की जाँच के लिए भेजा गया. आरोप है कि चिकित्सकों ने उसे कोरोना के लिए बनाये गए स्पेशल वार्ड में भर्ती न करके फीमेल मेडिसिन वार्ड में भर्ती कर लिया गया. 

प्रोटोकॉल के अनुसार महिला के शव को उसके परिजनों को नहीं सौंपा जाएगा. बल्कि बिद्युत चूल्हे में अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि इसी महिला को लेकर हावड़ा अस्पताल कि नर्सो और कर्मचारियों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि कोरोना मरीजों के लिए 30 विस्तरों वाला स्पेशल वार्ड बनाये जाने के बावजूद रोगियों को जेनरल वार्ड में रखा जा रहा है.
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