बिहार के पांच राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. एनडीए के खाते में तीन राज्यसभा सीटें आ रही हैं जबकि दो सीटें महागठबंधन को मिलने की संभावना है. इन्हीं दोनों सीटों को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच भी तनातनी तेज हो गई है. आरजेडी राज्यसभा की दोनों सीटें अपने पास रखना चाहती है, लेकिन कांग्रेस ने एक सीट पर दावेदारी करके महागठबंधन की टेंशन को बढ़ा दिया है.
बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा के लिए दो दावेदार माने जा रहे हैं. कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और शत्रुघ्न सिन्हा को आगे कर आरजेडी से एक सीट लेने की कोशिश है. वहीं, आरजेडी दोनों राज्यसभा की सीटें अपने पास रखना चाहती है. राज्यसभा सीट पर फैसला लालू प्रसाद को करना है, इसी के मद्देनजर आरजेडी को कांग्रेस पुराने वादे याद दिला रही है.
बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पत्र लिखकर आरजेडी से कहा है कि अपने वादे को पूरा करें. गोहिल ने कहा है, 'लोकसभा चुनाव के वक्त आरजेडी ने कांग्रेस को 9 सीटों के अतिरिक्त राज्यसभा की भी एक सीट का आश्वासन दिया था. वक्त आया है तो मांगा जा रहा है. एक अच्छे आदमी का कर्तव्य होता है कि जान जाए लेकिन वचन न जाए. आशा है कि आरजेडी अपने वादे को निभाएगी.'
आरजेडी ने ऐलान कर दिया है कि 12 मार्च को उसके दोनों प्रत्याशी एक साथ नामांकन करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए साफ भी कर दिया है कि राजनीतिक बयान और समझौते में फर्क होता है. लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यसभा की एक सीट के लिए कांग्रेस के साथ ऐसे किसी समझौते से जगदानंद सिंह इनकार किया है.
हालांकि पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं और आरजेडी की ओर कांग्रेस को मनाया जा रहा है. हालांकि कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल अपने करीबी शक्ति सिंह गोहिल को राज्यसभा भेजने के लिए अड़े हैं. गुजरात में दो साल पहले राज्यसभा चुनाव के दौरान गोहिल ने अहमद पटेल के लिए आगे बढ़कर काम किया था. अहमद पटेल अब गोहिल को राज्यसभा भेजने की कवायद में हैं.
अहमद पटेल अड़ गए हैं तो आरजेडी के लिए इनकार करना आसान नहीं होगा. फिर भी बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है. आरजेडी की ओर से यही कवायद कांग्रेस को विधानसभा चुनाव तक साधकर रखने की है. वहीं, मौके की नजाकत को समझते हुए कांग्रेस भी राज्यसभा की एक सीट को फिलहाल अपने खाते में लेना चाहती है.
ऐसे में माना जा रहा है कि तेजस्वी के सीएम के नाम पर अभी तक कांग्रेस जो तैयार नहीं है, उसे राज्यसभा के बहाने तैयार किया जाए. ऐसे में देखना होगा कि आरजेडी और कांग्रेस में से कौन अपने मकसद में कितने कामयाब होता है ये तो वक्त ही बताएगा. फिलहाल दोनों के बीच शह-मात का खेल जारी है.