महाराष्ट्र में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का अभियान जारी है. औरंगाबाद में मनसे की ओर से एक पोस्टर लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि घुसपैठियों की जानकारी देने वाले को 5555 रुपये का इनाम दिया जाएगा. इससे पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक रैली निकालकर घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग की थी.
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा था कि गैर-कानूनी रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे प्रवासियों को उठाकर बाहर फेंक दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश पर अनावश्यक बोझ हैं. ये प्रवासी आते हैं और देशभर में फैल जाते हैं. राज्यों को उनका बोझ सहना पड़ता है. वे स्थानीय युवाओं की नौकरियां छीन लेते हैं.
Maharashtra: Poster of Maharashtra Navnirman Sena (MNS) stating to reward with Rs 5,000 the informers who give accurate information about illegal Pakistani and Bangladeshi infiltrators, put up in Aurangabad. (27.02) pic.twitter.com/8WoGXfMq0E— ANI (@ANI) February 28, 2020
शरणार्थियों के लिए धर्मशाला बना भारत
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राज ठाकरे ने कहा कि यह खेल खेलने के लिए मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देता हूं. एक ही कदम (सीएए-एनआरसी) से देश में उभरे आर्थिक संकट से लोगों का ध्यान हट गया. वाह, क्या कमाल खेला. ठाकरे ने मांग करते हुए पूछा कि 135 करोड़ लोगों वाले देश में क्या सच में बाहर से लोगों को लाने की जरूरत थी? या फिर भारत शरणार्थियों के लिए एक धर्मशाला बन चुका है.
पहले अपने लोगों की चिंता करे सरकार
राज ठाकरे ने कहा कि सरकार को पहले यह पता लगाना चाहिए कि सदियों से देश में रह रहे भारतीय मुस्लिम कौन है और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रवासी कौन है. यह पता लगाने के बाद उन्हें देश से निकाल देना चाहिए. मेरी समझ में नहीं आता जब हमारी समस्याएं नहीं सुलझी हैं, तो हम क्यों शरणार्थियों को लेकर उन्हें नागरिकता दे रहे हैं? क्या शरणार्थियों को शरण देने के लिए केवल हम ही बचे हैं? सरकार को चाहिए कि पहले वह अपने लोगों के प्रति चिंता दिखाए.