बिहार में नेताओं के विवादित बयान जगजाहिर है. आए दिन विवादित बयान आते रहते हैं. पटना में आयोजित सीपीआई नेता व जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया की महारैली भी इससे बच नहीं सकी. महारैली में मंच पर से किसी नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा तो किसी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज को निशाना बनाया. सीएए के विरोधियों पर नेताओं ने जमकर भड़ास निकाली.
पटना में वामदलाें की ओर से आयोजित रैली में शामिल कई वक्ताओं ने कई बार जोश में विवादित बयान दिए। मंच का संचालन कर रहे नेताओं ने ऐसे बयानों पर तत्काल सफाई भी दे डाली. सबसे किरकिरी पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष मनीष कुमार के वक्तव्य को लेकर हुई.
छात्र नेता मनीष ने कहा कि काले कानून का समर्थन करने वालों को गोलियों से भून देना चाहिए. हालांकि, इनके भाषण के बाद तत्काल मंच से यह कहा गया कि हम गांधीवादी हैं और हमारी लड़ाई शांति और अहिंसा से ही होगी. उधर, रालोसपा नेता जीतेंद्र नाथ ने गिरिराज सिंह को भारत में पाकिस्तान का राजदूत कह दिया. वहीं, माले विधायक महबूब आलम ने तो एनपीआर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की.
गौरतलब है कि वामदलों की ओर से पटना के गांधी मैदान में रैली का आयोजन किया गया था। दरअसल, कन्हैया के नेतृत्व में बिहार के चंपारण से जन गण मन यात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा की शुरुअात राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर निकाली गई थी. माह भर तक चली इस यात्रा का समापन हुई. इसमें वामदलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण लोगों ने शिरकत की। इसमें महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी भी पहुंचे हुए थे. उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि इस मैदान में हमारे परदादा गांधीजी ने भी भाषण दिया था और आज मुझे इसका मौका मिला है। यह मेेरे लिए गर्व की बात है.