पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की रैली में कहा कि आजादी के कई वर्षों के बाद हमें नागरिकता साबित करने की क्यों जरूरत है. ममता बनर्जी ने मांग की है कि नागिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराया जाए. इसे संयुक्त राष्ट्र मॉनिटर करे.
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जनमत संग्रह के बाद देखते हैं कि कौन जीतता है. केन्द्र की मोदी सरकार को चुनौती देते हुए ममता ने आगे कहा कि अगर तुम हारते हो तो तुम्हें इस्तीफा देकर जाना होगा. ममता ने कहा कि मैं तुमको चुनौती देती हूं देश को फेसबुक और सांप्रदायिक दंगों का इस्तेमाल कर विभाजित करने की कोशिश मत करो.
यह लोकतंत्र को बचाने की हमारी लड़ाई: ममता
अपना हमला जारी रखते हुए ममता ने कहा कि आज रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया गया. उनकी गलती थी कि वह गांधी की एक तस्वीर के साथ विरोध कर रहे थे. आप किसी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से करते हो. मैंने आज घंटी बजाई है, कुछ लोग इसे तुम्हारे अंत की आवाज कह सकते हैं. यह लोकतंत्र को बचाने की हमारी लड़ाई है.
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता तब कहां थे जब स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया जा रहा था? यह शर्मनाक है कि हमारे अभिभावकों को दस्तावेज निकालने पड़ रहे हैं. पहले उन्होंने कहा कि आधार जरूरी है, अब कह रहे हैं कि यह जरूरी नहीं है. बीजेपी को भले ही 32 फीसदी वोट मिले लेकिन 68 फीसदी लोगों ने वोट नहीं दिया है.
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान भारत का भाई है तो श्रीलंका क्यों नहीं है. मैं जनता से अपील करती हूं कि लोग सड़कों पर उतरें. घर में न बैठें, राजनीतिक विचारधारा भूलकर सड़कों पर उतरें.
वोटर लिस्ट को लेकर किया सतर्क
ममता ने आगे कहा कि मतदाता सूची को अपडेट किया जा रहा है. मुझे बताया गया है कि बंगाल चुनाव से पहले 50-60 लाख नामों को ऑनलाइन के माध्यम से शामिल किया जाएगा. मैं हर किसी को सावधान करना चाहती हूं, भौतिक सत्यापन के बिना कोई व्यक्ति मतदाता नहीं बन सकता. मैं चाहती हूं कि आप सब भी सतर्क रहें. किसी का नाम नहीं कटना चाहिए.