महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (M&M) ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा अगले साल अप्रैल से कंपनी का शीर्ष पद छोड़ देंगे और वह नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन जाएंगे. कंपनी द्वारा किए गए ऐलान के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 से आनंद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन नहीं रहेंगे.
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया है कि इसके बाद कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका 11 नवंबर 2020 तक के अपने कार्यकाल तक इस पद का अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगे.
2012 में बने थे ग्रुप के सीएमडी
अगस्त 2012 में आनंद महिंद्रा को महिंद्रा ग्रुप का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था. इसके बाद नवंबर 2016 में उन्हें महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया. वह कोटक महिंद्रा बैंक के को-प्रमोटर भी थे.
क्या कहा कंपनी ने
कंपनी ने अपने बयान में कहा है, 'गवर्नेंस, नॉमिनेशन और रीम्यूनरेशन कमिटी (GNRC) ने उत्तराधिकार की जो योजना बनाई है उसके मुताबिक 1 अप्रैल, 2020 से आनंद महिंद्रा गैर कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका में आए जाएंगे और उनका नया डेजिगनेशन इसी तिथि से प्रभावी होगा.'
इसके अलावा कंपनी ने अनीश शाह को अप्रैल 2021 तक के लिए चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) बनाया है. 2 अप्रैल, 2021 के बाद वह गोयनका की जगह कंपनी के एमडी और सीईओ बन जाएंगे, इस पद पर उनका कार्यकाल चार साल के लिए होगा. उनका कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक होगा.
हार्वर्ड से की थी पढ़ाई
64 साल के आनंद महिंद्रा ग्रुप के संस्थापक जगदीश चंद्र महिंद्रा के पोते हैं. पिछले साल तक उनका नेटवर्थ करीब 1.7 अरब डॉलर तक था. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की है.
उनका जन्म 1 मई 1955 को हरीश महिंद्रा और इंदिरा महिंद्रा की संतान के रूप में तत्कालीन बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था. उनकी दो बहने हैं अनुजा शर्मा और राधिका नाथ.
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लिमिटेड साल 1947 से ही ऑटो सेक्टर में कार्यरत कंपनी है. आज कंपनी के बुके में इलेक्ट्रिक व्हीकल से लेकर, पिकअप, कॉमर्शियल व्हीकल, ट्रैक्टर, टू व्हीलर और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट जैसे उत्पाद शामिल हैं. कंपनी 1960 के दशक से ही उत्पादों के निर्यात में लगी है. इसके ट्रैक्टर आज दुनिया के सभी महाद्वीपों तक निर्यात होते हैं. यह ग्रुप आज करीब 19 अरब डॉलर का विशाल समूह बन चुका है.