महाराष्ट्र: एक दिन भी सीएम पद देने के मूड में नहीं बीजेपी, ढाई-ढाई साल पर अड़ी शिवसेना


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए 13 दिन बीत चुके हैं और विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में भी महज तीन दिन बचे हैं, मगर अबतक सरकार गठन पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. मुलाकातों का दौर भी जारी है. 50-50 फॉर्मूले पर बीजेपी नरम नजर आ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने सामने हैं.

मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक के बाद नेताओं ने एक सुर में कहा कि देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रही है.

वहीं, शिवसेना अड़ी हुई है कि राज्य में 50-50 फॉर्मूले के तहत ढाई-ढाई साल के लिए दोनों पार्टियों का मुख्यमंत्री हो. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बात पर तो सहमत है कि मंत्रालय में शिवसेना की हिस्सेदारी पचास फीसदी हो, मगर पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री और गृहमंत्री बीजेपी का ही होगा.

केंद्रीय मंत्री और एनडीए के सहयोगी रामदास आठवले ने कहा है कि PWD, हाउसिंग और राजस्व विभाग जैसे अहम मंत्रालय 50-50 फॉर्मूले के तहत बांटे जा सकते हैं, लेकिन बीजेपी सीएम पद और गृह मंत्रालय देने को राजी नहीं है. आठवले ने कहा कि शिवसेना को यह प्रस्ताव कबूल करना चाहिए और अपना रुख बदलना चाहिए. हालांकि, बीजेपी ने कोई लिखित आश्वासन देने से इनकार कर दिया है.

वहीं, दूसरी तरफ शिवसेना अपना स्टैंड बदलने के मूड में नहीं है और वह सत्ता की भागीदारी पर बीजेपी से लिखित आश्वासन चाहती है. बीजेपी की बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने साफ कहा कि उनकी पार्टी इस बात पर अडिग है कि बीजेपी सत्ता की भागीदारी पर लिखित रूप में भरोसा दिलाए और ढाई-ढाई साल में सीएम बदला जाए.

यानी बीजेपी ने भले ही शिवसेना से प्रस्ताव मांगकर उसके पाले में गेंद डालने का प्रयास किया हो लेकिन शिवसेना के तेवर अब भी सख्त नजर आ रहे हैं. लिहाजा, अब सबकी नजर नागपुर की तरफ है, जहां बीजेपी और शिवसेना दोनों ने हाजिरी लगाई है.

Previous Post Next Post