RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले, दो साल संघ में बिताएं, दूर हो जाएंगी सभी गलतफहमियां


पाकिस्तान और कुछ राजनीतिक दलों द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को एक विचारधारा में बांधने की कोशिशों के बीच सर संघचालक मोहन भागवत ने स्पष्ट किया है कि संघ को एक खास विचारधारा और किताब की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता है. उन्होंने कहा कि संघ की विचारधारा या परिवार जैसी बातें अक्सर कही जाती हैं, यह सही नहीं है.

संघ को प्रगतिशील और व्यावहारिक बताते हुए उन्होंने कहा कि विचार स्थाई नहीं है. यह देशकाल, समय और परिस्थितियों की मर्यादा के संदर्भ में बदलते रहते हैं, पर मूल में दो बातें स्थाई हैं-हिंदू और हिंदुस्तान. जब तक भारत को अपनी मातृभूमि मानने वाला और अपने आपको हिंदू कहने वाला इस भूमि पर एक भी व्यक्ति जीवित है, तब तक यह हिंदू राष्ट्र है. हमारे राष्ट्र में भाषा, पंथ, राज्य के आधार पर विविधता में एकता है। यहां रहने वाले सभी अपने हैं.

दो साल संघ में बिताएं

साथ ही उन्होंने एक बार फिर लोगों से कोई धारणा बनाने के पहले संघ में आने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कम से कम दो साल संघ में बिताएं, सभी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी. वह जनपथ रोड स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर की पुस्तक 'द आरएसएस रोडमैप्स फॉर द 21वीं सेंचुरी' के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे.

विचारों में मतभेद हो सकता है, लेकिन मनभेद नहीं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ का दृष्टिकोण नितांत ही व्यावहारिक है. इसमें सतत विचार मंथन चलता रहता है. यहां देशकाल, समय और परिस्थिति की कसौटी पर सामूहिक सहमति से फैसले लिए जाते हैं. विचारों में मतभेद हो सकता है, लेकिन मनभेद नहीं होता. लोग अपने विचार रखने और लिखने के लिए स्वतंत्र हैं. कोई भी स्वयंसेवक अपना मत रख सकता है। लेकिन, जब निर्णयों की बात आती है तो वह सहमति से होते हैं. संघ को विचारों की परिधि से व्यापक बताते हुए कहा कि उनके पास भी संघ की व्याख्या के लिए शब्द नहीं है. वह भी यह दावा नहीं कर सकते कि संघ को समझ पाए हैं.

डॉ. हेडगेवार के जीवन से संघ को समझें

संघ को यदि समझा जा सकता है तो इसके संस्थापक डॉ. हेडगेवार के जीवन से. हमारे लिए झंडा महत्वपूर्ण है। भगवान हनुमान और छत्रपति शिवाजी हमारे आदर्श हैं. इस मौके पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने कहा कि संघ ने समाज से अस्पृश्यता और जातिवाद को खत्म करने में काफी अच्छा काम किया है.
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