तीन साल में देश को मिल जाएगा नया संसद भवन, जानें- कहां और कैसे होगा निर्माण


तीन साल बाद जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा तो राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट और उसके आसपास भी बहुत कुछ बदला होगा। नया संसद भवन और नया केंद्रीय सचिवालय। नए संसद भवन के निर्माण की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को पहली निविदा खुलने के साथ शुरु हो गई. इसके साथ ही ऐसा केंद्रीय सचिवालय भी बनाया जाएगा, जिसमें पूरी सरकार एक साथ बैठ सके. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा विकसित किया जाएगा.

शहरी विकास मंत्रालय में इसके लिए बृहस्पतिवार को पहली निविदा खुली, जिसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) दो सितंबर को ही जारी कर दिया गया था. मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण का काम 30 जनवरी 2020 से चालू कर दिया जाएगा. इसे हर हाल में नवंबर 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है, ताकि अगले साल यानी 2021 के 26 जनवरी की परेड यहां कराई जा सके.

हजारों सांसदों के बैठने की व्यवस्था

सूत्रों के मुताबिक RFP में घरेलू व वैश्विक स्तरीय आर्किटेक्ट व प्लानिंग कंपनियों को आमंत्रित किया गया है. नए संसद भवन का आकार कुछ इस तरह होगा कि इसमें एक हजार तक सांसदों के बैठने की व्यवस्था हो. यह भविष्य के लिहाज से किया जाएगा. मंत्रियों तरह राजनीतिक दलों के सांसदों और उनके निजी सहायक के बैठने के लिए उचित बंदोबस्त पर भी सोचा जा रहा है। मौजूदा संसद भवन में जगह की कमी होने लगी है. इस बात को लगातार विभिन्न फोरम पर उठाया जाता रहा है और खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी इसका इजहार कर चुके हैं.

सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव में नये संसद भवन और केंद्रीय सचिवालय का निर्माण अगले ढाई सौ साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर कराया जाएगा. मौजूदा संसद भवन में अतिरिक्त जगह बनाने जैसे प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है. लेकिन अगर यह संभव नहीं हुआ तो नये संसद भवन के निर्माण किया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रपति भवन के पीछे की जगह का उपयोग किया जा सकता है.

कामन सेंट्रल सेक्रेट्रीएट भी बनेगा

शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय सचिवालय के सभी 70 हजार से अधिक कर्मचारियों के लिए कामन सेंट्रल सेक्रेट्रीएट बनेगा. मंत्रालयों के सभी विभाग एक साथ बनेंगे ताकि कामकाज में सहूलियत हो. बताया गया फिलहाल कुछ ऐसे भी मंत्रालय हैं, जिनके विभाग 47 अलग-अलग जगहों पर हैं. मंत्रालयों की बनी इमारतों को हटाकर नये सिरे से निर्माण कराने की योजना है. जाहिर है कि संसद भवन के आसपास बने अलग अलग मंत्रालय के भवनों को हटाकर इसके लिए जगह बनानी होगी.

लेकिन नार्थ ब्लॉक, साऊथ ब्लॉक और संसद भवन को हेरिटेज इमारत घोषित कर संरक्षित किया जाएगा. ये इमारतें पुरानी होने के साथ हेरिटेज की श्रेणी में हैं. लेकिन यहां मंत्रालय नहीं रखे जा सकते हैं. बताया गया कि ये इमारतें भूकंप रोधी तक नहीं हैं, जिसे असुरक्षित की श्रेणी में रखा गया है.

उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि फिलहाल केंद्रीय मंत्रालय अपने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के बैठने के लिए प्राइवेट बिल्डिंग किराये पर लेते हैं, जिस पर हर साल 1000 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ता है.

खूबसूरत बनाने पर दिया जाएगा जोर

सेंट्रल विस्टा किसी भी देश की राजधानी की सबसे खूबसूरत जगह होती है. राजधानी दिल्ली के विभिन्न पर्यटन स्थलों के मुकाबले सर्वाधिक पर्यटक राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट पर आते हैं. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि तीन किलोमीटर लंबाई का यह स्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं है. सरकार की प्राथमिकता में सबसे पहले इसे ही खूबसूरत बनाने पर जोर दिया जाएगा.

2020 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य

26 जनवरी 2020 के गणतंत्र दिवस की परेड की पूरी प्रक्रिया 30 जनवरी को बीटिंग रीट्रीट परेड के साथ समाप्त होती है. इसके तत्काल बाद ही इस पूरे क्षेत्र को विकसित करने का काम चालू हो जाएगा. इसे हर हाल में नवंबर 2020 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है, ताकि 2021 जनवरी के गणतंत्र दिवस की परेड की भव्यता से कराई जा सके. परेड की तैयारियों के लिए हर हाल अस्थाई निर्माण कार्य कराने पर जहां अतिरिक्त धन खर्च होता है, वहीं कम से कम दो महीने तक यह पूरा क्षेत्र बंद करना पड़ता है.

आर्किटेक्ट व प्लानिंग कंपनी के चयन की प्रक्रिया हर हाल में 15 अक्तूबर तक पूरी कर ली जाएगी. चयनित कंपनी जरूरत के हिसाब से समग्रता में अपनी डिजाइन प्रस्तुत करते हुए सुझाव देगी. इसे स्वीकार करने अथवा खारिज करने के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाएगा. डिजाइन में आड़े आने वाली और पुरानी पड़ चुकी इमारतों को हटा दिया जाएगा.

कुछ अहम तथ्य

⬧वर्ष 2022 तक संसद भवन की नई इमारत तैयार हो जाएगी
⬧नवंबर 2020 तक सेंट्रल विस्टा विकसित हो जाएगा
⬧रेल भवन, कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, ससंद का एनेक्सी भवन, सेना भवन, वायुसेना भवन, श्रम शक्ति व अनुसंधान ⬧भवन जैसे भवनों की अवधि समाप्त, जिन्हें हटाया जा सकता है
नये सचिवालय तक कनेक्टिविटी का पूरा ध्यान रखा जाएगा

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