पाकिस्तान ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और खूंखार आतंकी संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में लिया है। हालांकि, हाफिज सईद पर की गई इस कार्रवाई पर बहुत भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि पाकिस्तान के खाने के दांत और दिखाने के दांत अलग-अलग रहे हैं। पाक सरकार ने एक बार पहले भी हाफिज को गिरफ्तार किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही वह जेल से बाहर आ गया।
यही वजह है कि मुंबई आतंकी हमले के मामले में विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी को पाकिस्तान द्वारा रचा गया स्वांग करार दिया है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान दुनिया को बेवकूफ बना रहा है कि उन्होंने उसे गिरफ्तार किया है। अब हमें यह देखना होगा कि पाकिस्तान की सरकार और पुलिस कैसे अदालतों में सबूत पेश करते हैं? हाफिज सईद को दोषी ठहराने के प्रयास कैसे किए जाते हैं? अगर इनमें गंभीरता नजर नहीं आती है, तो यह गिरफ्तारी एक नाटक ही साबित होगा।
बता दें कि हाफिज को लाहौर से गुजरांवाला जाते वक्त काउंटर टेररिजम विभाग के द्वारा गिरफ्तार किया गया है। खास बात है यह है कि सईद की गिरफ्तारी आतंकी फंडिंग के आरोप में हुई है। हाल ही में आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान ने हाफिज सईद और उसके 12 सहयोगियों के खिलाफ आतंकी फंडिंग के 23 मामले दर्ज किए थे। पाकिस्तान के आतंकरोधी विभाग ने एक बयान जारी कर बताया था कि आतंकी फंडिंग के लिए पांच ट्रस्टों का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
पाक की नीयत पर इसलिए नहीं हो रहा भरोसा
- पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर इसलिए बहुत ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि हाफिज पर पहले भी कार्रवाई किए जाने का ड्रामा कर चुका है, लेकिन उसके खिलाफ प्रभावी कदम कभी नहीं उठाया गया।
- पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इस समय बेहद खराब है। जानकारों का मानना है कि आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान दुनिया को भ्रम में रखने के लिए भी यह कार्रवाई कर रहा है।
- पाकिस्तान को इन दिनों फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट होने का डर सता रहा है। अगर ऐसा हुआ, तब पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और बुरी हो जाएगी। इससे बचने के लिए भी पाकिस्तान की ओर से हाफिज सईद पर कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि हाफिज ने ही 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रची थी। भारत ने उसके खिलाफ पाकिस्तान को कई सबूत दिए, लेकिन वह हाफिज पर ठोस कार्रवाई की जगह दिखावा ही करता रहा है। हाफिज एनआइए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस और ऑस्ट्रेलिया ने इसके संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है।