तोक्यो: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने के बीच दुनिया अब ‘आर्थिक वृद्धि के लिये दूसरे सहारे’ की तरफ देख रही है और बुनियादी ढांचे में निवेश की अपनी योजनाओं के साथ भारत इस लिहाज से दुनिया का शक्तिशाली इंजन बन सकता है। जेटली यहां निक्कई इंक द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘एशिया का भविष्य’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में कुल वैश्विक वृद्धि में चीन ने लगभग 50 प्रतिशत का योगदान किया है। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था में नरमी के बीच ‘वृद्धि में उतने प्रतिशत तक का भार उठाने की चीन की क्षमता शायद नहीं रहे इसलिए दुनिया अब आर्थिक वृद्धि को तेज करने के लिये दूसरे कंधों की ओर देख रही है।’
जेटली ने कहा, ‘चूंकि हमारे यहां बुनियादी ढांचा काफी कम है और खर्च अभी होना है और मुझे लगता कि इस सबसे भारत आर्थिक वृद्धि का शक्तिशाली इंजन बनने जा रहा है।’ निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छह दिन की जापान यात्रा पर आए जेटली ने कहा कि हालांकि कोई भी देश वास्तव में किसी अन्य देश की जगह नहीं ले सकता क्योंकि दुनिया में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के उदय के लिए पर्याप्त जगह है।
वित्त मंत्री ने कहा कि चीन ने भारत से पहले बहुत तेज गति से बढना शुरू किया जिससे उसने जीडीपी का ऊंचा स्तर बनाए रखा। लेकिन मौजूदा सुस्ती का मतलब है कि यह ‘अधिक खपत, सेवा केंद्रित अर्थव्यवस्था में बदलने के ढांचागत संक्रमण से गुजर रहा है।’ यही कारण है कि भारत की वृद्धि दर चीन से ऊंची हो गई, ‘लेकिन चीन हमेशा एक प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।’ जेटली ने कहा कि वैश्विक वृद्धि दर घटकर तीन प्रतिशत के आसपास आने के दौरान भी एशिया ने लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि दर कायम रखी। उन्होंने कहा, ‘चीन की सुस्ती ने औसत एशियाई वृद्धि को प्रभावित किया जो कि अब लगभग 5.7 प्रतिशत अनुमानित है। चीन के घटनाक्रम ने निश्चित रूप से एशिया पर असर डाला।’ उन्होंने कहा कि चीन अनिश्चितकाल तक 9-10 प्रतिशत की दर से वृद्धि नहीं कर सकता और समय के साथ उसकी अर्थव्यवस्था में परिवर्तन आ रहा है।