10 साल में चार गुणा हुई भारतीयों की संपत्ति


दस साल में जहां भारतीय नागरिकों की संपत्ति में इजाफा हुआ, वहीं यूरोपीय देशों के नागरिकों की संपत्ति में कमी हुई है। साल 2005 से 2015 के दौरान भारतीयों की औसत संपत्ति 400 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इसी अवधि में यूरोपीय नागरिक की औसत संपत्ति में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 

न्यू वल्र्ड वेल्थ की एक ताजा रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान भारत, चीन व वियतनाम जैसे उदीयमान बाजारों में औसत संपत्ति 400 प्रतिशत बढ़ी। औसत यूरोपीय नागरिक की मौजूदा औसत संपत्ति लगभग 86,000 डॉलर है। बीते दस साल में इसमें पांच प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं अन्य विकसित देशों से तुलना की जाए तो आलोच्य अवधि में आस्ट्रेलिया में एक व्यक्ति की औसत संपत्ति 100 प्रतिशत से अधिक जबकि कनाडा में 50 प्रतिशत बढ़ी।

रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में प्रति व्यक्ति औसत संपत्ति में आई गिरावट की मुख्य वजह संपन्न लोगों का अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देशों को चले जाना है। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट और आवास बाजार के संकट से भी यूरोप में अधिकतर लोगों की संपत्ति पर भारी असर पड़ा है। इसमें कहा गया है कि भविष्य में भी यूरोप से प्राथमिक क्षेत्र के रोजगार एशिया विश्लेषक चीन, भारत, श्रीलंका, फिलीपीन व वियतनाम को जाते रहेंगे।
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