प्रथम वर्ग में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय द्वारा किये गये उत्कृष्ठ कार्यों पर पुनर्योजी कृषि पुरस्कार (Regenerative Agriculture Award) अवार्ड प्रदान किया गया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने 2019 में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरूआत की गई, जिससे न्यूनतम जुताई, जैविक इनपुट और जल संरक्षण जैसी पुनर्योजी प्रथाओं को बढ़ावा देकर 18 जिलों के 45,000 किसानों को लाभ हुआ। इस कार्यक्रम ने मिट्टी के स्वास्थ्य, ऊर्जा दक्षता और किसान अनुकूलनशीलता में सुधार करते हुए कार्बन फुटप्रिंट और इनपुट लागत को काफी कम कर दिया, जिससे राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों के साथ एक स्केलेबल मॉडल की पेशकश की गई।
द्वितीय वर्ग में विश्वविद्यालय को जल प्रबंधन में उत्कृष्टता (Excellence in Water Management) अवार्ड प्राप्त हुआ है। जल प्रबंधन में उत्कृष्टता पुरस्कार बीएयू, सबौर को बिहार के वर्षा आधारित और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतत जल प्रबंधन में सुधार के लिए कई नवीन, प्रौद्योगिकी संचालित परियोजनाओं के लिए दिया गया है, जिनमें गाँव के तालाबों का जीर्णोद्धार, रिमोट सेंसिंग का उपयोग करके पौधों के रोपण समय का अनुकूलन और नाइट्रेट संदूषण का मानचित्रण शामिल है। ये पहल भूजल पुनर्भरण को बढ़ाकर, फसल योजना में सुधार करके और जल गुणवत्ता की चुनौतियों का समाधान करके सीमांत किसानों को महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित कर सकती हैं।
तीसरे वर्ग में विश्वविद्यालय को जैविक खेती में उत्कृष्ठता (Organic Farming Excellence) अवार्ड प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा कृषि में मूल्य संवर्द्धित वर्मी कम्पोस्ट एवं अजोला का प्रयोग जैविक खेती हेतु करने से किसानों के लागत में कमी आयी है तथा वर्तमान में 5000 से अधिक किसान इनके मूल्य संवर्द्धित वर्मी कम्पोस्ट के प्रयोग से लाभान्वित हुए हैं।
चतुर्थ वर्ग में विश्वविद्यालय को अवशिष्ट प्रबंधन नवाचार पुरस्कार (Waste Management Innovation Award) प्राप्त हुआ है। जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत कृषि विज्ञान केन्द्र, रोहतास द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के तहत वर्ष 2020 में धान के पुआल को स्ट्रॉबेल बनाकर काम्फेड की मदद से पशुपालकों को पशु चारा के रूप में उपलब्ध कराया गया जिससे खेतों में फसल अवशेष को जलाने की समस्या में कमी आयी तथा किसानों को आय का अतिरिक्त जरिया बना।
विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. शोभा रानी, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, भोजपुर एवं श्री रविन्द्र कुमार जलज, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, रोहतास ने चारों पुरस्कार प्राप्त किये।
गत वर्ष भी विश्वविद्यालय को प्रशिक्षण में उत्कृष्ठता एवं हरियाली उत्पादन नवाचारी पुरस्कार प्राप्त हुए थे।
इस अवसर पर डॉ. डी. आर. सिंह, कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय राज्य में कृषि एवं कृषकों के उत्थान के लिए वचनबद्ध है, साथ ही टिकाऊ खेती एवं जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के इन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना हर्ष का विषय है।
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