रांची: भाजपा नेता व जिला परिषद् के पूर्व सदस्य अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में गुरुवार को भाजपा की तरफ से बुलाए गए रांची बंद का व्यापक असर देखा गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानें व प्रतिष्ठान बंद रहे और मुख्य मार्गों पर घंटों तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। बड़ी संख्या में बंद समर्थकों ने प्रदर्शन कर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिले में 125 बंद समर्थकों को हिरासत में लिया गया, जिन्हें देर शाम छोड़ दिया गया।
भाजपा नेता की हत्या के विरोध में आज भाजपा की तरफ से बुलाए गए रांची बंद के दौरान शहर के कोकर, लालपुर, बरियातू, बुटी मोड़, अल्बर्ट एक्का चौक, कांके, अरगोड़ा, चुटिया, किशोरगंज, टाटीसिलवे, नामकुम, हिनू, धुर्वा, रातू सहित अन्य जगहों पर बंद समर्थक ने सड़कों पर उतरकर घंटों सड़क जाम किया।इस दौरान सभी मुख्य मार्गों पर आवाजाही ठप रही और दुकानें व प्रतिष्ठान बंद रहे। भाजपा के रांची बंद का आजसू पार्टी, जदयू, लोजपा और जेलएकेएम ने समर्थन किया।
रांची के कांके चौक पर बुधवार को भाजपा नेता व जिला परिषद् के पूर्व सदस्य अनिल टाइगर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। घटना में शामिल एक अपराधी को पुलिस ने खदेड़कर मुठभेड़ में जांघ में गोली मार दी और गिरफ्तार कर लिया था।
बंद के दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ पंडरा मंडल और सुखदेव नगर मंडल के कार्यकताओं के साथ सड़क पर उतरे और पिस्का मोड़ के समीप सड़क पर बैठकर विरोध जताया। इससे पहले संजय सेठ रातू रोड तक गये और सभी व्यवसायियों, दुकानदारों और अन्य लोगों से बंद को समर्थन करने की अपील की। सुबह से छह घंटे तक रक्षा राज्य मंत्री पिस्का मोड़ पर सड़क पर बैठे रहे।
सड़क जाम के दौरान संजय सेठ ने कहा कि यह जाम रांची में लचर हो चुकी कानून व्यवस्था के खिलाफ जनआंदोलन की शुरुआत है। यदि अभी शासन और प्रशासन ने रांची की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की तो आंदोलन की धार और तेज होगी। बंद के समर्थन में प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष वरुण साहू सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी सड़कों पर उतरे।
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