कोलकाता: आरजीकर मेडिकल कॉलेज के 13 सीनियर डॉक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं. अस्पताल प्रशासन ने इन डॉक्टरों पर "धमकी संस्कृति" में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए हैं. अस्पताल के भीतर बने जांच कमेटी को इन डॉक्टरों के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया गया है और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
आरजीकर मेडिकल कॉलेज के सुपर सप्तर्षि चटर्जी और प्रिंसिपल मानस कुमार बनर्जी ने जांच कमेटी को एक पत्र भेजकर 13 डॉक्टरों के नामों का उल्लेख किया. पत्र में लिखा गया है कि जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों से इन सीनियर डॉक्टरों के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों की जांच करने और संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले के बाद से ही आरजीकर मेडिकल कॉलेज पर कई आरोप लगे हैं, जिनमें अस्पताल के कुछ डॉक्टरों द्वारा एक भय का माहौल बनाया जाने का दावा किया गया है. आरोप है कि सीनियर डॉक्टर और अन्य अधिकारियों ने जूनियर डॉक्टरों और छात्रों को धमकाया है. इस मामले में 50 से अधिक डॉक्टरों, हाउस-स्टाफ और इंटर्न के खिलाफ पहले ही जांच के आदेश दिए गए थे और जांच पूरी होने तक उन्हें अस्पताल में प्रवेश करने से रोका गया था.
अब उसी जांच कमेटी को इन 13 सीनियर डॉक्टरों के खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया है. एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि जिन डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं, वे अस्पताल में 'थ्रेट कल्चर' यानी धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने और सिंडिकेट के साथ जुड़े हुए हैं. उनका कहना है कि छात्रों ने विभिन्न समय पर इन डॉक्टरों से धमकी मिलने की शिकायत की है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है.
जिन 13 डॉक्टरों के नाम जांच कमेटी को सौंपे गए हैं, उनमें से एक डॉक्टर वह भी हैं, जिन्होंने अस्पताल में मृत महिला डॉक्टर का पोस्टमॉर्टम किया था. इस डॉक्टर को सीबीआई ने कई बार पूछताछ के लिए बुलाया है. इसके अलावा, आरजीकर अस्पताल में हुए वित्तीय घोटाले में सीबीआई द्वारा जिन डॉक्टरों के घर पर छापा मारा गया था, उनमें से एक डॉक्टर भी इस सूची में शामिल हैं.
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