कोलकाता में डेंगू का संक्रमण अधिक, उपमेयर ने दूसरे राज्यों के मजदूरों को ठहराया जिम्मेदार


कोलकाता: पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दक्षिण कोलकाता में डेंगू का प्रकोप जारी है. नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जनवरी से जुलाई के तीसरे सप्ताह तक डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. विशेषकर दक्षिणी कोलकाता के चार बोरो क्षेत्रों में 2023 और 2024 के तुलनात्मक आंकड़ों की तुलना में इस साल अधिक मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पांच नंबर बोरो क्षेत्र में पिछले साल जनवरी से जुलाई के तीसरे सप्ताह तक केवल तीन मामले दर्ज किए गए थे, जो इस साल बढ़कर 15 हो गए हैं. इसी तरह, नौ नंबर बोरो क्षेत्र में पिछले साल 12 मामले थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 14 हो गई है. 11 नंबर बोरो में 13 से बढ़कर 15 और 14 एवं 16 नंबर बोरो क्षेत्रों में क्रमशः नौ और छह मामलों से बढ़कर 12 और 16 मामले हो गए हैं.

10 नंबर बोरो क्षेत्र, जो पिछले दो वर्षों में डेंगू के सबसे अधिक मामलों के लिए जाना जाता है, इस साल भी उच्चतम संख्या दर्ज कर रहा है. पिछले साल इस समय तक इस क्षेत्र में 39 मामले थे, जो इस साल 34 हो गए हैं. 96 नंबर वार्ड में, पिछले साल शून्य मामले थे, जबकि इस साल आठ मामले सामने आए हैं. पिछले साल इस वार्ड में चार मौतें हुई थीं.

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं कि शहर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ रही है. इनमें से अधिकांश को वायरल बुखार है, लेकिन लक्षणों के आधार पर डेंगू और मलेरिया की दोनों जांच की जा रही है. इस स्थिति को देखते हुए, मेयर फिरहाद हकीम ने आठ अगस्त को कोलकाता नगर निगम में डेंगू पर एक आपातकालीन बैठक बुलाई है. इस बैठक में विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

भाजपा के काउंसिलर सजल घोष ने कहा, "मेयर का दावा है कि इस साल डेंगू और मलेरिया के मामलों में कमी आई है. हमें याद रखना चाहिए कि अभी जुलाई चल रहा है और कुछ बोरो में पिछले साल की तुलना में अधिक मामले सामने आए हैं. हर साल जुलाई के अंत से डेंगू का प्रकोप बढ़ता है. नगर प्रशासन को अगले चार महीने और अधिक सतर्क रहना होगा."

मेयर ने कहा, "इस साल देर से बारिश आई है. हमें स्थिति पर अधिक नजर रखनी होगी और जागरूकता अभियानों पर जोर देना होगा." दक्षिणी कोलकाता में संक्रमण बढ़ने के बारे में मेयर ने कहा, "पुराने घरों और खाली जमीनों के कारण उस क्षेत्र में डेंगू बढ़ रहा है. हम सभी को जागरूक होना होगा. जितना अधिक लोग जागरूक होंगे, डेंगू के मामले उतने ही कम होंगे."

वहीं, नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग बता रहा है कि इस साल भी बड़ा बाजार, पोस्ता, सियालदह, डलहौसी, धर्मतला, पार्क सर्कस क्षेत्रों में मलेरिया के मामले अधिक हैं. नगर निगम के मेयर पार्षद (स्वास्थ्य) एवं डिप्टी मेयर अतीन घोष ने कहा, "इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं, जो मच्छरदानी के बिना सोते हैं. कई लोग मलेरिया की दवाओं का पूरा कोर्स भी पूरा नहीं करते, जिससे मलेरिया परजीवी उनके शरीर में बना रहता है और यह दूसरों में फैलने का खतरा बढ़ जाता है."
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