कुलपति के नेतृत्व में मगध विश्वविद्यालय एवं थाइलैंड के प्रतिनिधि के बीच बैठक आयोजित


गया/पटना: मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के  कुलपति प्रो एसपी शाही के नेतृत्व में थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल और मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के बीच एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें दोनों पक्षों के बीच सहयोग के तरीकों पर चर्चा की गई। थाईलैंड के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व थाईलैंड के प्रधान मंत्री कार्यालय के सार्वजनिक क्षेत्र विकास प्रभाग की निदेशिका डॉ प्रापापोर्न चंट्रास्मि ने किया। थाई सदस्यों में डॉ गोश थानट संगवार्नफेट और अन्य शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के साथ संयुक्त राष्ट्र के विश्व शांति संस्थान के राजदूत महामहिम डॉ परविंदर सिंह भी मौजूद थे।

अपने संबोधन में कुलपति ने दोनों देशों के बीच समृद्ध सांस्कृतिक और व्यापार संबंधों के लंबे इतिहास पर प्रकाश डाला।उन्होंने मगध विश्वविद्यालय के भगवान बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति के पवित्र स्थान पर होने के ऐतिहासिक महत्व के बारे में बताया, साथ ही उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि थाईलैंड के माननीय रक्षा मंत्री डॉ सुतिन कुलांगसांग मगध विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं और उन्होंने एक पूर्व छात्र बैठक आयोजित करने और उनका स्वागत करने का वादा किया। 

डॉ चंत्रास्मि ने थाईलैंड के विश्वविद्यालयों और मगध विश्वविद्यालय के बीच आपसी सहयोग और एमओयू की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बौद्ध दर्शन के विभिन्न आयामों, कारण और प्रभाव के नियमों और जीवन की घटनाओं की अप्रत्याशितता पर चर्चा की। विश्व शांति के क्षेत्र में काम करने का समृद्ध अनुभव रखने वाले डॉ सिंह ने यूक्रेन-रूस और फिलिस्तीन-
इज़राइल संघर्ष और विभिन्न संकटों से निपटने के लिए कोविड के बाद की विश्व तैयारियों पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ समीर शर्मा  ने भी प्रतिनिधिमंडल को संबोधित किया और सभी कोनों से महान विचारों का स्वागत करने की भारतीय परंपरा पर जोर दिया। बौद्ध दर्शन के मूल के रूप में पीड़ा की अनुभूति और कोविड 19 के रूप में मानवीय पीड़ा ने पूरी मानवता को एकजुट कर देने की बात कही।

अंत में आईक्यूएसी समन्वयक प्रो मुकेश कुमार ने प्रस्तावित एमओयू पर काम करने और शिक्षा और नवाचार में संभावित सहयोग के लिए मगध विश्वविद्यालय की तैयारियों से अवगत कराया। बैठक में सभी विभागाध्यक्ष, संकायाधयक्ष , आईक्यूएसी सदस्य और शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने किया।

Post a Comment

Previous Post Next Post