लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के साथ लगातार बैठकें कर रही है. इस बीच सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग को लेकर मीटिंग नहीं करेगी. न्यूज एजेंसी ने टीएमसी से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन कमेटी की बैठक में पार्टी किसी नेता को नहीं भेजगी. ऐसा इसलिए क्योंकि टीएमसी ने बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 2 ही कांग्रेस को देने पर सहमत हुई है.
इसको लेकर कांग्रेस ने कहा कि वो राजी नहीं है क्योंकि ये काफी कम सीट हैं. ऐसे में इसे स्वीकार करना काफी मुश्किल है. वहीं एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया था कि कांग्रेस की मांग बंगाल की 6 से 10 सीटों पर लड़ने की है. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस को 2 सीटों का ऑफर पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिया गया है. उन्होंने कहा कि 42 सीटों में से 39 सीटों पर कांग्रेस को पांच प्रतिशत से कम वोट मिले थे.
कांग्रेस को 2021 के विधानसभा चुनाव में 2.93 प्रतिशत मत मिले थे. पार्टी को 2016 में 12.25 फीसदी वोट मिले थे. ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व को स्वीकारना होगा कि बंगाल में वो कमजोर पार्टी है. टीएमसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बंगाल के सीट शेयरिंग फॉर्मूला में सिर्फ पार्टी चीफ ममता बनर्जी ही बदलाव कर सकती हैं. इसके अलावा पार्टी मेघालय और असम में भी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है.
ये ऐसे समय पर सामने आ रहा है जब हाल ही में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि ममता बनर्जी कह रही हैं कि वो बंगाल में हमें 2 सीटें देगी. इस सीट पर तो कांग्रेस के सांसद रहे हैं. ऐसे में टीएमसी नया क्या दे रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति अब तक उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ मीटिंग कर चुकी है. बता दें कि के लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से टीएमसी के खाते में 22 सीटें गई थी. वहीं बीजेपी ने 18 तो कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थी.
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