नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 सांसदों के निलंबन के साथ ही लोकसभा में विपक्ष के अब तक 95 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं. ऐसे में सदन में विपक्ष की ताकत घटकर एक-तिहाई रह गई है. इसी बीच केंद्र सरकार ने मौजूदा आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए 3 विधेयकों को संसद में विचार के लिए रखा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपराधिक कानून संशोधन से जुड़े तीन नए बिलों को लोकसभा में पेश किया.
IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, CrPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 को सदन में रखा गया है. इन विधेयकों को अगस्त में हुए संसद के मॉनसून सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में रखा था. बाद में उन्हें रिव्यू के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था. पिछले सप्ताह विधेयकों का नया संस्करण लाया गया. तीन नए बिलों को पेश करने के दौरान अमित शाह ने कहा कि इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार करने का उद्देश्य आपराधिक कानूनों में सुधार करना है.
भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 नाम के नए विधेयकों पर बुधवार को विचार किया गया. पिछले हफ्ते से लोकसभा और राज्यसभा से रिकॉर्ड 141 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया है कि देश में "अत्यधिक स्तर की तानाशाही" लागू है. सरकार बिना किसी बहस के महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराना चाहती है.
Post a Comment