संसद सुरक्षा में चूक मामले में पुलिस का खुलासा- डराना था असल मकसद


नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक को लेकर सदन में शुक्रवार (15 दिसंबर) को भी हंगामा जारा रहा. कार्यवाही बाधित होने को लेकर सरकार और विपक्षी दल लगातार एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. एक तरफ कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन के भीतर बयान दें. वहीं सरकार पलटवार करते हुए कह रही है कि राजनीति मत करो. साथ ही लोकसभा की सुरक्षा में सेंध के मामले में छठे आरोपी ललित झा को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है. 

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार ललित झा को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस के वकील ने 15 दिन हिरासत की मांग करते हुए दलील दी कि ललित झा मुख्य साजिशकर्ता है. साथ ही केस में गुरुवार (14 दिसंबर) को ही आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम और अमोल शिंदे को सात दिन की हिरासत में भेजा गया. इसके अलावा विक्की  भी पुलिस की गिरफ्त में है. 

दिल्ली पुलिस ने ललित झा की 15 दिन की हिरासत मांगते हुए कई अहम खुलासे किए हैं. पुलिस ने कोर्ट में दायर की गई रिमांड नोट में कहा कि ललित और उसके साथियों का मकसद देश में अशांति पैदा करना और सांसदों को डराना था. ऐसा करके ये लोग सरकार को अपनी मांग मनवाले के लिए मजबूत करना चाहते थे. 

इस बीच, ललित झा के बड़े भाई शंभू झा ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूरा परिवार सदमे में है. शंभू ने कहा, ‘‘हमें नहीं मालूम कि वह इन सब में कैसे शामिल हुआ. वह हमेशा झगड़ों से दूर रहता था. वह बचपन से ही शांत और चुप रहने वाला व्यक्ति था और किसी से कम घुलता-मिलता था. हमें पता है कि वह निजी शिक्षक होने के अलावा एनजीओ से जुड़ा हुआ था और हम टेलीविजन चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर वाकई स्तब्ध हैं.’’

विपक्षी दलों की तत्काल चर्चा कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर दोनों सदनों में हंगामा रहा. इस कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई और कोई महत्वपूर्ण विधायी कामकाज नहीं हो सका. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर की भीतर दोपहर दो बजे तक और फिर दोबारा शुरू होते ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई जबकि राज्यसभा की कार्यवाही भी एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. इसके अलावा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने हाथों में तख्तियां लेकर संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष और संसद भवन के मकर द्वार के निकट धरना दिया. इसमें कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी शामिल हुईं. 

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