पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय का बड़ा एक्शन देखने को मिला है. ED ने कोलकाता में 9 जगहों छापेमारी की है. प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को कोलकाता में नौ अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापे मारे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों की नौ टीमों ने शहर के बड़ाबाजार इलाके, काकुरगाछी और ईएम बाईपास में विभिन्न लोगों के कार्यालयों और आवासों पर छापे मारे.
अधिकारी ने बताया, "यह छापेमारी प्राथमिक विद्यालय रोजगार घोटाले से संबंधित हमारी जांच का हिस्सा है. ये लोग धन की हेराफेरी में कथित तौर पर शामिल थे. हम कागजात और अन्य बैंक दस्तावेजों की तलाश कर रहे हैं." गो तस्करी घोटाले में ईडी की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति से मिली सूचना के बाद गुरुवार सुबह तलाशी अभियान शुरू किया गया.
अब तक तृणमूल के कई नेताओं से पूछताछ
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती ‘घोटाले' में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में साल 2022 में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की 46.22 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी. घोटाला मामले में अब तक कई नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है.
बंगाल शिक्षक भर्ती घाटाला मामले में सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी नाम शामिल है. ईडी इस मामले की लगातार जांच कर रही है. पिछले दिनों अभिषेक बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट ने ईडी जांच रोकने की गुहार लगाई थी. जिस पर अदालत ने इससे इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच को बाधित नहीं करेगा .सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ईडी की जांच पर रोक नहीं लगाने के मामले में हाई कोर्ट का फैसला सही है. इसलिए ईडी जांच जारी रख सकती है. ईडी के पास कथित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच करने का स्वतंत्र अधिकार है.
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