विश्व कप : न्यूजीलैंड पर मिली जीत के बाद रोहित ने कहा- हमने अपने काम को बखूबी निभाया


मुंबईः भारतीय किकेट टीम ने विश्व कप में अपना अजेय क्रम बरकरार रखते हुए बुधवार को न्यूजीलैंड को 70 रन से हराकर टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया. भले ही जीत का अंतर 70 रन हो, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने स्वीकार किया कि यह इस विश्व कप में भारत द्वारा खेले गए सबसे कठिन मैचों में से एक था, उन्होंने कहा कि उनकी टीम को खेल में बने रहने और जीत हासिल करने के लिए एकजुट रहना था और फाइनल में जगह बनाना था.

रोहित ने मैच के बाद कहा, "हमारे गेंदबाज आए और नई गेंद से आगे बढ़कर गेंदबाजी की और विकेट हासिल किए...जब आपके पास लक्ष्य होता है (भारत ने 397 रन बनाए), तो आपको पहले विकेट लेने होते हैं. और हमने बिल्कुल वैसा ही किया."

रोहित ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि सेमीफाइनल का कोई दबाव नहीं था. जब भी आप खेल खेलते हैं, हमेशा दबाव होता है, और जाहिर तौर पर सेमीफाइनल में कुछ अतिरिक्त जुड़ जाता है. लेकिन मुझे लगता है कि हमने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया."

उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, हम उस सेमीफाइनल को समीकरण से बाहर ले जाना चाहते थे, इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहते थे. हम बस वही करते रहना चाहते थे जो हम पहले नौ मैचों में कर रहे थे, और चीजें आईं, दूसरे हाफ में भी हमारा प्रदर्शन वास्तव में अच्छा रहा."

अपने बड़े स्कोर के बावजूद, भारत पर डेरिल मिशेल और केन विलियमसन ने दबाव डाला, जिन्होंने तीसरे विकेट की साझेदारी में 149 गेंदों में 181 रन बनाए, इस प्रक्रिया में वानखेड़े की भीड़ भी शांत रही, मिशेल ने 85 गेंदों में शतक बनाया और विलियमसन ने 67 रनों की बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली.

मैच में मोहम्मद शमी ने विलियमसन का मिड-ऑन पर एक आसान कैच छोड़ा और एक रन-आउट का मौका भी गंवा दिया. लेकिन शमी, जिन्होंने पहले दो विकेट लिए थे, 33वें ओवर में वापस आए और विलियमसन का विकेट लेकर टीम को सफलता दिलाई.

रोहित ने कहा, "मैंने यहां वानखेड़े में बहुत क्रिकेट खेला है. इसलिए मुझे पता है, इस मैदान पर कोई भी स्कोर हो...आप आराम नहीं कर सकते, आपको जितनी जल्दी हो सके काम पूरा करना होगा और उस पर टिके रहना होगा. हम वहां जानते थे किसी स्तर पर हम पर दबाव होगा, साझेदारी होगी. हमें बस एकजुट रहना है और मुझे लगता है कि हमने यही किया है.

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