Mayawati statement: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पर लोकसभा में जारी बहस के बीच बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती (BSP Suprimo Mayawati) ने सरकार द्वारा पेश बिल में खामिया गिनाते हुए कुछ बदलाव की मांग की है. बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी (SC/ST/OBC) वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करना चाहिए. अगर, ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी.
बीएसपी नेता ने ये भी कहा कि मौजूदा बिल के कुछ प्रावधानों से वो सहमत नहीं है. इसके लिए जनगणना की जरूरत होगी. अन्य चीजें पूरी करने में काफी वक्त लग जाएगा. ऐसे में देश की महिलाओं को इस बिल का लाभ मिलने में अभी 15-16 साल का वक्त लग जाएगा. ऐसे में सरकार को कुछ ऐसे प्रावधान करने चाहिए जिससे महिलाओं को जल्द से जल्द इसका लाभ मिले. इस संसोधन विधेयक को लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है. ऐसे में सरकार को संसद में एससी-एसटी महिलाओं के आरक्षण के लिए अलग से इंतजाम करना चाहिए.'
मायावती ने कहा 'पहले SC, ST और अभी ओबीसी आरक्षण के साथ खिलवाड़ हो रहा है. उम्मीद है इस बार महिला आरक्षण बिल पास होगा. SC/ST/OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुरक्षित करना चाहिए. अगर, ऐसा नहीं हुआ तो इन वर्गों के साथ नाइंसाफी होगी.'
आइए जानते हैं कि इस बिल में क्या लिखा है?
1- महिला आरक्षण बिल का नाम है- 128वां संविधान संशोधन विधेयक 2023'
2- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया है.
3- लोकसभा और दिल्ली समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगीं.
4- यानी जैसे लोकसभा में 543 सीट हैं, तो इसमें से 181 सीट महिलाओं के आरक्षित होंगी. यानी इन 181 सीट पर सिर्फ महिला ही उम्मीदवार होंगी.
5- SC-ST के लिए कोटा के अंदर ही कोटा होगा. यानी SC के लिए 84 सीटें जो पहले से रिजर्व हैं, उनमें 33 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. जबकि ST वर्ग के लिए जो 47 सीट पहले से आरक्षित हैं, उनमें 33 फीसदी हिस्सा अब महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.
6- बिल पहले लोकसभा से पास होगा. फिर राज्यसभा से पास होना पड़ेगा. फिर राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाएगी. फिर यह भारत के गजट में छपेगा.
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