Nuh Violence: नूह हिंसा पर Supreme Court ने कहा भड़काऊ भाषण किसी का भी अस्वीकार


Supreme Court: हरियाणा के नूंह (Nuh Violence) में 31 जुलाई को हुई हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि जान-माल का भारी नुकसान हुआ था. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि भड़काऊ भाषण किसी भी पक्ष की ओर से दिए गए हों, हमें यह पूरी तरह से अस्वीकार है. 

मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में हुई है. इस मामले पर अगली सुनवाई  25 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि भड़काऊ भाषण किसी भी पक्ष की ओर से दिए गए हों, हम उसे गंभीरता से लेंगे. 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने केरल में मुस्लिम लीग की रैली में हिंदुओं (Hindu) के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की जानकारी दी थी. इस पर टिप्पणी करते हुए बेंच ने कहा कि किसी भी पक्ष की ओर से भड़काऊ भाषण दिया गया हो, हम उस पर कार्रवाई करेंगे. 

हेट स्पीच किसी स्तर पर स्वीकार नहीं है. बता दें कि नूंह हिंसा को भड़काने में सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो की बड़ी भूमिका रही है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन प्लैटफॉर्म पर अफवाह और भड़काऊ कंटेंट डाले गए थे. 

कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी ने भी हेट स्पीच दिया हो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पिछले कुछ वक्त में कोर्ट ने कई और मामलों पर भी हेट स्पीच और सोशल मीडिया पर नफरत भरे पोस्ट डालने पर सख्ती दिखाई है. 

नूंह हिंसा फैलने में भी हेट स्पीच और सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो एक बड़ा कारण रहे हैं. बता दें कि मोनू मानेसर के शोभा यात्रा में शामिल होने की अफवाह के बाद नूंह में बड़े पैमाने पर हिंसा फैल गई थी.

बता दें कि शोभा यात्रा निकाले जाने से पहले मोनू मानेसर के इसमें शामिल होने की अफवाह फैली थी. इसके बाद 31 जुलाई को वीएचपी की शोभा यात्रा पर जमकर पथराव किया गया. बाद में यह हिंसा पूरे मेवात क्षेत्र में फैल गई. इस हिंसा मे होमगार्ड के 2 जवान और एक मौलवी समेत कुल 6 लोगों की मौत हुई थी. 

पुलिस जांच में कहा गया है कि हिंसा के लिए पहले से भी तैयारी की गई थी और दूसरे जिलों से कुछ लोग आए थे. उपद्रवियों पर खट्टर सरकार ने बुलडोजर एक्शन भी लिया है.

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