नई दिल्ली: अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने अभी हाल ही में अपने ब्याज दरों को बढ़ाया था. इस ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट को बढ़ाया गया था. इस बढ़ोतरी के बाद बेंचमार्क ओवरनाइट इंटरेस्ट रेट 5.25% से 5.50% तक हो गया था. यह साल 2001 के बाद अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है.
जान लें कि अमेरिकी बैंकों में ब्याज दर बढ़ाने से अब भारत पर भी ब्याज दरों को बढ़ाने का दबाव बढ़ गया था. इस पर चर्चा के लिए 8 अगस्त 2023 को भारत में भी आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक शुरू हुई थी. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने आज बताया कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है.
देश में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है. अब वो चाहे हरी सब्जियों की बात हो या फिर घर के राशन की. महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई ने लगातार तीसरी बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया.
हालांकि आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस वित्त वर्ष खुदरा महंगाई 5.4% प्रतिशत की दर से बढ़ेगी.
बात करें साल 2022 के मई के रेपो रेट की तो इसमें 2.5 प्रतिशत को बढ़ाया गया है. इस वजह से बैंको द्वारा मिलने वाले सभी तरह के लोन काफी महंगे हो गए हैं. बहुत से लोग लोन सस्ता होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इसमें राहत नजर नहीं आ रही है.
बता दें कि आरबीआई ने भी देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए मई 2022 के बाद कई बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की. इस वजह से ही नीतिगत रेपो रेट फरवरी 2023 में 6.5 प्रतिशत हो गया था.
इसके बाद आरबीआई ने अप्रैल और जून में इसमें कोई बदलाव नहीं किया. हाल के समय में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो रेट अभी भी 6.5 प्रतिशत पर बना हुआ है.
वैश्विक विकास में भारतीय इकॉनोमी में 15% हिस्सेदारी
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरा है. इस वक्त भारत का वैश्विक विकास में 15% योगदान है. हालांकि एमपीसी ने महंगाई के 4% के टारगेट पर अपना फोकस बनाए रखा है. इसलिए आरबीआई महंगाई को काबू में रखने का उपाय कर रही है.
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