संसद की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की लोकसभा में की गई कुछ टिप्पणियों एवं आचरण को लेकर निचले सदन से किए गए उनके निलंबन को निरस्त करने की सिफारिश संबंधी प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव को जल्द ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास विचार के लिए भेजा जायेगा. संसद की विशेषाधिकार समिति ने इस मामले में चौधरी को अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार को बुलाया था. गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस नेता की निलंबन वापसी का बीजेपी सदस्यों ने भी समर्थन किया है.
एक सूत्र ने बताया कि कांग्रेस सांसद चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सिंह की अध्यक्षता वाली समिति को बताया कि उनका किसी की भावना को आहत करने का कोई इरादा नहीं था और कभी भी कोई सदस्य ऐसे किसी शब्द या वाक्य का इस्तेमाल करता है जो आसन को उपयुक्त नहीं लगता तब उसे कार्यवाही से निकाल दिया जाता है. उनके अनुसार, कांग्रेस सांसद ने कहा कि इसी प्रकार से उनके कुछ शब्दों को भी कार्यवाही से निकाल दिया गया . उन्होंने कहा कि वह किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहते थे और अगर किसी की भावना आहत हुई हैं तो वे खेद प्रकट करते हैं.
सूत्रों ने बताया कि अधीर रंजन चौधरी के अपना पक्ष रखने के बाद समिति ने सदन की कार्यवाही से उनका निलंबन निरस्त करने की सिफारिश संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. समिति जल्द ही इस प्रस्ताव पर अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष को भेजेगी. इस मामले पर विशेषाधिकार समिति ने 18 अगस्त को विचार किया था. सूत्रों ने बताया कि 18 अगस्त को हुई बैठक में एक आम राय बनी थी कि स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के तहत उन्हें (अधीर रंजन चौधरी) अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए. कुछ सदस्यों ने यह विचार भी व्यक्त किया था कि (मानसून) सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करके सदस्य को पहले ही दंडित किया जा चुका है और ऐसे में दोबारा उन्हें दंड देने का कोई औचित्य नहीं है.
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