Mann Ki Baat में PM मोदी ने कहा कि दिन-रात लगाकर NDRF के जवानों ने किया बाढ़ का मुकाबला, स्थानीय लोगों और प्रशासन की भी तारीफ


दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के 103 वें एपिसोड  को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि जुलाई का महीना यानी मानसून का महीना, बारिश का महीना, बीते कुछ दिन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण, चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि इन आपदाओं के बीच हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है. स्थानीय लोगों ने, हमारे NDRF के जवानों ने, स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है, लेकिन इसके साथ ही, हमारी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हाथ थामने की भावना, उतनी ही अहम होती है. सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान भी है और भारत की ताकत भी है. 

साथियों, बारिश का यही समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए भी उतना ही जरूरी होता है. आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है. अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है. हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं.

15 अगस्त के लिए प्रधानमंत्री की अपील

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए जैसे पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से, हर घर तिरंगा फहराना है और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है. 

इन प्रयासों से हमें अपने कर्तव्यों का बोध होगा, देश की आजादी के लिए दिए गए असंख्य बलिदानों का बोध होगा, आजादी के मूल्य का एहसास होगा. इसलिए, हर देशवासी को इन प्रयासों से जरूर जुड़ना चाहिए. अब कुछ ही दिनों में हम 15 August आजादी का ये महान पर्व का हिस्सा बनेंगे. 

देश की आजादी के लिए मर-मिटने वालों को हमेशा याद रखना है. हमें, उनके सपनों को सच करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी है और ‘मन की बात’ देशवासियों की इसी मेहनत को, उनके सामूहिक प्रयासों को सामने लाने का ही एक माध्यम है.

काशी पहुंचे 10 करोड़ पर्यटक

पीएम ने कहा कि इस समय ‘सावन’ का पवित्र महीना चल रहा है. सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही ‘सावन’ हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है. इसीलिए ‘सावन’ का आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रहा है. 

सावन के झूले, सावन की मेहंदी, सावन के उत्सव यानी ‘सावन’ का मतलब ही आनंद और उल्लास होता है. साथियों, हमारी इस आस्था और इन परम्पराओं का एक पक्ष और भी है. हमारे ये पर्व और परम्पराएं हमें गतिशील बनाते हैं. सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. ‘सावन’ की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी खूब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. 

आपको ये जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है. अब काशी में हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं. ये सब, हमारे सांस्कृतिक जन-जागरण का परिणाम है. इसके दर्शन के लिए, अब तो पूरी दुनिया से लोग हमारे तीर्थों में आ रहे हैं.

PM मोदी ने की चित्रकारी की तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है. यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं. ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे. 

इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा यानी कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन जाएंगे, तो, महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे. साथियों, उज्जैन में बन रही इन Paintings की बात करते हुए मुझे एक और अनोखी Painting की याद आ गई है. 

ये Painting राजकोट के एक Artist प्रभात सिंह मोडभाई बरहाट ने बनाई थी. ये Painting, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज के जीवन के एक प्रसंग पर आधारित थी. Artist प्रभात ने दर्शाया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक के बाद अपनी कुलदेवी ‘तुलजा माता’ के दर्शन करने जा रहे थे, तो उस समय क्या माहौल था.

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