कोलकाता: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव नामांकन में गोली मारकर चार लोगों की हत्या और सैकड़ों लोगों के गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को अजीबो-गरीब दावा किया है. उन्होंने कहा है कि राज्य में इससे अधिक शांतिपूर्वक नामांकन पहले कभी नहीं हुआ. इतना ही नहीं, पिछले तीन पंचायत चुनावों (जिनमें से दो वामपंथी शासन में हुए थे) में मौतों की संख्या की ओर इशारा करते हुए, ममता ने आगे दावा किया कि इस बार हुई हिंसा के लिए विपक्ष जिम्मेदार है.
शुक्रवार को अभिषेक बनर्जी के जनसंपर्क कार्यक्रम नवजवार कार्यक्रम का आखिरी दिन था. ममता ने दक्षिण 24 परगना के इंदिरा मैदान (नामखाना, काकद्वीप) में उन्होंने संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा, कांग्रेस, माकपा और आईएसएफ पर एकजुट हमला बोला. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ की घटना कुछ गुंडों ने की है. तृणमूल के लोगों ने नहीं किया. हमारे दो कार्यकर्ताओं की मौत हुई है.
ममता ने बैठक की शुरुआत में बताया कि वह मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि तृणमूल के नेता के रूप में बोलने आई हैं. इसके बाद उन्होंने आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दो लाख 31 हजार नामांकन जमा हो चुके हैं. इतना शांतिपूर्ण नामांकन पहले कभी नहीं हुआ. आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2003 में 70 लोगों की मौत हुई थी. 2008 में 36 लोगों की मौत हुई थी. उनके कार्यकाल के दौरान, 2013 के पंचायत चुनावों को लेकर तत्कालीन राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडे के साथ सरकार का तकरार सुप्रीम कोर्ट तक गया था. अंत में मीरा के मतानुसार केन्द्रीय बलों को उतारा गया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विपक्ष की मांगों के अनुसार केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है.
2013 के चुनावों का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि केंद्रीय बलों ने क्या किया? 2013 के पंचायत चुनाव में केंद्रीय बल होने के बावजूद 39 लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने कहा, "केंद्रीय बल मणिपुर में भी हैं. क्या हुआ केंद्रीय मंत्री का घर जला दिया गया. 150 लोग मारे गए. कुछ नहीं कर सका.'' मुख्यमंत्री के बोलने से पहले तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक ने संबोधन किया. अपने भाषण में, डायमंड हार्बर से सांसद ने जनसंपर्क यात्रा की ''सफलता'' के लिए सभी को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री की तरह उन्होंने भी नामांकन को लेकर कहा, ''जिला परिषद की 100 फीसदी सीटों पर नामांकन हो चुका है. भाजपा, माकपा यह नहीं कह सकते कि उन्हें अपना उम्मीदवार खड़ा करने की अनुमति नहीं थी. अभिषेक ने पार्टी के नाराज प्रत्याशियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जोराफुल प्रतीक जिसके पास है वह तृणमूल का उम्मीदवार है. जो लोग पार्टी के साथ तकरार में हैं, उन्हें निकाला जाएगा.
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