केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से गुरुवार को बातचीत की.
सूत्रों का कहना है कि केन्द्र सरकार मणिपुर के हालात पर नजर बनाए हुए है. इसी क्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री से बातचीत की है. वहां हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र की ओर से त्वरित कार्य बल (आरएएफ) को भी भेजा गया है. जानकारी के अनुसार राज्य में हिंसा को देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर सेना और असम रायफल्स के जवान पहले से ही तैनात किए गए हैं.
मणिपुर में उपजी हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि बीते 24 घंटे में कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं. यह घटनाएं दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी के कारण हुईं हैं. राज्य सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. इसे नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान बुधवार को राज्य के कई जिलों में हिंसा भड़क गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. इसके अलावा इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
राज्य में मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था. ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस रैली का आयोजन किया था. इस दौरान हिंसा भड़क गई. प्रदर्शनकारियों ने कई घरों में तोड़फोड़ की. रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा भड़क गई. इसके बाद कई और जिलों में भी हिंसा की खबरें आई. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
Post a Comment