नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक : जेपी नड्डा


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक पल है. पवित्र सेंगोल राष्ट्रीय और ऐतिहासिक महत्व रखता है. पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 को राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति में विशेष रूप से तमिलनाडु से आए पुजारियों से प्राप्त किया गया था.

जेपी नड्डा ने कहा कि शासक के लिए शिव के आशीर्वाद का आह्वान करने के लिए मंत्रों के साथ सेंगोल वेस्टिंग समारोह की पवित्र तमिल परंपरा के बाद पंडित नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' का संबोधन दिया. यह ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन से भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है. सेंगोल शासन करने के सर्वोच्च नैतिक अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है.

उन्होंने इतिहास के इस अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू को जीवंत करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एक विदेशी शासक से भारत के लोगों को सत्ता का हस्तांतरण प्रत्यक्ष नहीं था, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया के माध्यम से था. जैसा कि प्राचीन भारत में जाना जाता है. यह उत्तर से दक्षिण तक भारत के भावनात्मक और आध्यात्मिक एकीकरण पर भी जोर देता है.

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