डीपीजीआरओ ने डीपीओ प्रा० शि० एवं सर्व शिक्षा अभियान एवं कनीय अभियन्ता, बि० शि० परि० के विरूद्ध की अर्थदंड की अनुशंसा


गैर जिम्मेदारी एवं लापरवाही भरे प्रतिवेदन समर्पित करने पर की गई कार्रवाई

सूरज कुमार / युवा शक्ति संवाददाता 

गया: एक मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार ने गैर जिम्मेदारी एवं लापरवाही भरे प्रतिवेदन समर्पित करने पर डीपीओ प्रा० शि० एवं सर्व शिक्षा अभियान एवं कनीय अभियन्ता, बि० शि० परि० के विरूद्ध की अर्थदंड की अनुशंसा.दरसल यह परिवाद नगर प्रखण्ड अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय, कुजाप के मरम्मति कार्य से संबंधित है.प्राप्त परिवाद के आलोक में लोक प्राधिकार को नोटिस निर्गत कर विषयांकित परिवाद के आलोक में जाँचोपरान्त आवश्यक विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए कृत कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन की मांग की गई. सुनवाई के क्रम में उक्त मामले में लोक प्राधिकार के प्रतिनिधि द्वारा मौखिक रूप से बताया गया कि उक्त कार्य मनरेगा योजना के तहत कराया जा रहा है. उक्त के आलोक में लोक प्राधिकार से लिखित प्रतिवेदन की मांग की गई.तदालोक में डीपीओ, प्रा० शि० एवं सर्व शिक्षा अभियान द्वारा भेजे गए पत्र में प्रतिवेदित किया गया है कि प्राथमिक विद्यालय, कुजाप, नगर प्रखण्ड में दो कमरे का मरम्मति कार्य मुखिया द्वारा कराया जा रहा है, जिसके निर्माण से संबंधित जानकारी बिहार शिक्षा परियोजना, समग्र शिक्षा अभियान, गया/शिक्षा विभाग, गया के पास नहीं है.संबंधित विभाग से पत्राचार किया जाना अपेक्षित प्रतीत होता है.

पूर्व में गलत जानकारी देकर डीपीजीआरओ को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि दिए गए प्रतिवेदन से स्पष्ट होता है कि लोक प्राधिकार के प्रतिनिधि द्वारा सुनवाई के क्रम में पूर्व में गलत जानकारी देकर मुझे दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया.डीपीओ द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में कनीय अभियन्ता, बिहार शिक्षा परियोजना का प्रतिवेदन भी संलग्न है, जिसमें प्रतिवेदित किया गया है कि प्राथमिक विद्यालय, कुजाप, नगर प्रखण्ड का स्थलीय निरीक्षण किया गया.प्राथमिक विद्यालय, कुजाप में दो वर्गकक्ष का मरम्मति कार्य छत तोड़कर किया गया है.वर्तमान में छत ढलाई का कार्य किया जा चुका है.मरम्मति का कार्य ग्राम पंचायत-कुजाप के मुखिया द्वारा कराया जा रहा है.स्थल पर मुखिया/मुखिया प्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे, जिस कारण ये पता नहीं चल सका कि उक्त कार्य किस योजना से किया जा रहा है.कनीय अभियन्ता के प्रतिवेदन में विद्यालय निर्माण से संबंधित उक्त पंचायत के मुखिया का आवेदन भी संलग्न है, जो प्रभारी प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय, कुजाप, नगर प्रखण्ड को भेजी गई है. उक्त योजना के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी मुखिया से भी ली जा सकती थी.चूँकि उनके आवेदन में मोबाइल नम्बर स्पष्ट अंकित है.कनीय अभियन्ता ने मोबाइल से बात कर मुखिया से जानकारी प्राप्त करना उचित नहीं समझा या यूँ कहें कि फोन करने की जहमत नहीं उठाई गई.

डीपीओ ने अपने स्तर से कोई जानकारी प्राप्त करना उचित नहीं समझा: डीपीजीआरओ
डीपीजीआरओ ने बताया कि इस मामले में डीपीओ ने भी अपने स्तर से कोई जानकारी प्राप्त करना उचित नहीं समझा और पूरी तरह गैर-जिम्मेदारी का परिचय देते हुए आँख मूँद कर कनीय अभियन्ता के प्रतिवेदन को आधार बनाकर जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को अस्पष्ट प्रतिवेदन दे दिया.उनके प्रतिवेदन से ऐसा लगता है कि स्कूल उनका है और स्कूल के बारे में उन्हें कुछ ज्ञात ही नहीं है.लिहाजा, इतने गैर जिम्मेदारी एवं लापरवाही भरे प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रा० शि० एवं सर्व शिक्षा अभियान एवं धर्मवीर कुमार, कनीय अभियन्ता, बिहार शिक्षा परियोजना के विरूद्ध इस अधिनियम की धारा 8 के तहत क्रमशः 2500 एवं 5000 रुपए शास्ति अधिरोपित करने की अनुशंसा की गई.

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