आरटीई के तहत एडमिशन न लेने पर दिल्ली पब्लिक स्कूल, दुबहल पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश

डिस्ट्रिक्ट पीजीआरओ ने परिवाद समाप्त कर लोक प्राधिकार सह डीईओ को दिया कड़ा आदेश


सूरज कुमार

गया: एक मामले में सुनवाई समाप्त करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार ने स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज करते हुए स्कूल की प्रस्वीकृति/मान्यता रद्द करने संबंधी पत्र वरीय पदाधिकारी को लिखना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.साथ ही टिप्पणी करते हुए कहा कि बच्चे का एडमिशन नहीं होता है और लोक प्राधिकार द्वारा उपर्युक्त कार्रवाई नहीं की जाती है तो माना जाएगा कि लोक प्राधिकार की स्कूल प्रबंधन के साथ मिलीभगत है.

क्या है मामला ?

दरअसल यह मामला घुघड़ीटांड के रहने वाले टिंकु कुमार द्वारा आरोप लगाया गया कि आरटीई के तहत एडमिशन हेतु उनके पुत्र (अंश राज) का चयन किया गया, किन्तु डीपीएस स्कूल, दुबहल द्वारा नामांकन नहीं लिया जा रहा.इस मामले में परिवादी द्वारा जाँचोपरान्त उचित कार्रवाई करने हेतु अनुरोध किया गया.परिवादी द्वारा अपने दावे के समर्थन में बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट एलॉटमेंट ऑफ आरटीई कोटा सीट्स फॉर एडमिशन इन क्लास वन एकेडमिक ईयर 2022-23 का निर्गत सूची प्रस्तुत किया गया, जिसके अवलोकन से पाया गया कि क्रमांक संख्या 232 पर अंश राज पिता टिंकु कुमार का नाम  वेटिंग लिस्ट में तीसरे नंबर पर है.प्रस्तुत परिवाद की सुनवाई के क्रम में लोक प्राधिकार सह डीईओ के स्तर से उपस्थित प्रतिनिधि द्वारा निर्गत पत्र की छाया प्रति प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रतिवेदित किया गया है कि द्वितीय चरण में उल्लेखित विद्यार्थियों की सूची में से विद्यालय की कक्षा-1 में कुल 30 रिक्त सीटों में छात्र-छात्राओं का नामांकन कर लिया गया है.

डीपीजीआरओ ने डीईओ से आरटीई की और स्कूल प्रबंधन से हो चुके एडमिशन की सूची को मांगा, दोनों में अंतर पाया

इस मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार ने लोक प्राधिकार सह डीईओ से आरटीई की सूची एवं स्कूल प्रबंधन से हो चुके एडमिशन की सूची को मांगा और दोनों का मिलान किया.मिलान के दौरान काफी अनियमितता पाई गई.जिससे स्पष्ट हुआ कि स्कूल द्वारा सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के आलोक में आरटीई के तहत एडमिशन नहीं लिया गया.साथ ही परिवादी के पुत्र अंश राज (232), राॅकी कुमार (233), आयुष राज (235), जायरा अनवर (236) का वेटिंग लिस्ट में नामांकन का अधिकार रिक्त 7 पद के विरूद्ध पहले बनता था.लेकिन अंश राज (232) का नामांकन वेटिंग लिस्ट में पहले न लेकर उसके बाद के क्रमांक 234 (आराध्या मिश्रा) एवं 393 (समेर कुमार उर्फ समर राज ) का नामांकन ले लिया गया, जो गलत है.7 रिक्ति के विरूद्ध 7 वेटिंग लिस्ट के बच्चों का नामांकन होना चाहिए था, लेकिन हुआ मात्र 4 का.शेष 3 रिक्ति पर स्कूल प्रबंधन द्वारा गौरव राज, काव्या कुमारी गोस्वामी एवं प्रिंस कुमार का नामांकन ले लिया गया, जिनका नाम आरटीई सूची में डीपीएस स्कूल, दुबहल के कंफर्म अथवा वेटिंग लिस्ट में था ही नहीं.अर्थात् इन तीन बाहरी बच्चों का नामांकन स्कूल प्रबंधन द्वारा ले लिया गया.

डीईओ की पकड़ प्राइवेट स्कूलों पर न के बराबर है और कंप्लीट एनार्की चल रही है--डीपीजीआरओ

इस मामले में दोनों पक्ष को सुनते हुए डिस्ट्रिक्ट पीजीआरओ सुबोध कुमार ने लोक प्राधिकार सह डीईओ के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि परिवादी के पुत्र के साथ नाइंसाफी की गई, जिससे बच्चे के मौलिक अधिकार का हनन हुआ है.उन्होंने आदेश देते हुए लिखा कि बच्चे का अविलंब आरटीई के तहत डीपीएस स्कूल, दुबहल में नामांकन कराना सुनिश्चित करेंगे.साथ ही लिखा कि स्कूल द्वारा की जा रही मनमानी को देखते हुए यह स्पष्ट है कि लोक प्राधिकार की पकड़ प्राइवेट स्कूलों पर न के बराबर है और कंप्लीट एनार्की चल रही है.स्कूल द्वारा बरती गई इस प्रकार की व्यापक अनियमितता को लोक प्राधिकार स्वयं भी देख सकते थे.लेकिन उनके द्वारा अपने कर्त्तव्‍य की उपेक्षा की गई.

डीपीजीआरओ ने स्कूल की अनियमितताओं के संबंध में स्कूल प्रबंधन पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश

उन्होंने निर्देश देते हुए आदेश दिया कि स्कूल द्वारा बच्चे का नामांकन न लेने पर स्कूल की व्यापक अनियमितताओं के संबंध में स्कूल प्रबंधन पर प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे.साथ ही स्कूल की प्रस्वीकृति रद्द करने संबंधी पत्र वरीय पदाधिकारी को लिखना सुनिश्चित करेंगे एवं स्कूल के संबंधित बोर्ड की मान्यता रद्द करने हेतु संबंधित बोर्ड को पत्र भेजना सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने निर्देश दिया कि अगर परिवादी के बच्चे (अंश राज) का नामांकन आरटीई के तहत डीपीएस, दुबहल नहीं लेता है और लोक प्राधिकार स्कूल के विरूद्ध उपर्युक्त कार्रवाई नहीं करते है तो माना जाएगा कि लोक प्राधिकार की स्कूल प्रबंधन के साथ मिलीभगत है. 

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