गया : बीपीआरओ, परैया एवं एई(विद्युत), टिकारी द्वारा डीपीजीआरओ को गुमराह करना पड़ा महंगा


लापरवाही बरतने पर डीपीजीआरओ ने दोनों अधिकारी पर पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड की अनुशंसा की

सूरज कुमार / युवा शक्ति न्यूज 

गया : दो मामलों में लोक प्राधिकार बीपीआरओ, परैया एवं सहायक अभियंता(विद्युत), टिकारी द्वारा गलत प्रतिवेदन देकर डीपीजीआरओ को गुमराह करना महंगा पड़ गया. जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार द्वारा गलत प्रतिवेदन देकर गुमराह करने के आरोप में दोनों पदाधिकारी पर 5-5 हजार रुपए अर्थदंड की अनुशंसा कर दी गई.

क्या है मामला?
पहला मामला : कुमार समुद्रगुप्‍त जो कि पंचायत समिति सदस्‍य,परैया हैं, ने पंद्रहवीं एवं छठी वित्त की राशि को नियमों का उल्लंघन कर योजनाओं को कार्यान्वित कर व्यक्तिगत हितों को लाभ देने से संबंधित परिवाद में अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, टिकारी के स्तर से पारित आदेश के विरूद्ध अपीलवाद दायर किया. निचले स्तर पर लोक प्राधिकार के प्रतिवेदनानुसार परिवादी के दावा को खारिज करते हुए परिवाद में अग्रेतर कार्रवाई समाप्त की गई थी. अपीलार्थी द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में प्रथम अपीलवाद दायर किया गया. अपीलार्थी द्वारा आवेदन में उल्लेखित किया गया है कि बीपीआरओ परैया द्वारा पंचायत समिति की राशि जो पंद्रहवी एवं छठी वित्त की राशि को किसी विशेष क्षेत्र में खर्च करने के लिए डाल दिया गया है. साथ ही किसी-किसी क्षेत्र को विकास से वंचित कर दिया गया है, जबकि सरकार का दिशा निर्देश है कि सभी क्षेत्रों में समान राशि का वितरण किया जाए ताकि सभी क्षेत्रों का समान विकास किया जा सके.

दूसरा मामला : आनंदी देवी जो कि टिकारी की हैं, ने विद्युत् विपत्र में सुधार करने से संबंधित परिवाद में अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, टिकारी के स्तर से पारित आदेश के विरूद्ध अपीलवाद दायर किया. निचले स्तर पर लोक प्राधिकार के स्तर से प्रतिवेदित किया गया है कि परिवादी के परिसर में दिनांक 23.01.2023 को नया मीटर लगा दिया गया है. उपभोक्ता को तीन माह के औसत खपत के अनुसार विद्युत् विपत्र में सुधार कर दिया जाएगा. अपीलार्थी द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में प्रथम अपीलवाद दायर किया गया. प्राप्त अपीलवाद के आलोक में लोक प्राधिकार सह सहायक विद्युत् अभियंता, विद्युत् आपूर्ति अवर प्रमण्डल, टिकारी को नोटिस निर्गत कर विधिवत् जाँच कर प्रतिवेदन समर्पित करने हेतु निदेशित किया गया.

दो मामलों में दोनों लोक प्राधिकार को गलत प्रतिवेदन देना पड़ा महंगा
बीपीआरओ, परैया ने विभागीय पत्र के आधे हिस्से को ही प्रतिवेदन में उल्लेखित किया जबकि उसके नीचे के पैराग्राफ को छिपा लिया जिसमें अंकित था कि जिस क्षेत्र में एक वित्तीय वर्ष में राशि नहीं दी गई तो अगले वित्तीय वर्ष में उनको प्राथमिकता दी जाएगी ताकि सभी क्षेत्रों का समान विकास हो सके.वहीं दूसरे मामले में सहायक अभियंता(विद्युत), टिकारी ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष जवाब दाखिल किया था कि परिवादी का मीटर बदल दिया गया है जबकि जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष जवाब दिया कि मीटर बदलने की कार्रवाई की जा रही है.

स्पष्टतया दोनों लोक प्राधिकार गलत प्रतिवेदन देने के दोषी पाए गए.इन दोनों प्रतिवेदन पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुबोध कुमार ने समय-सीमा को देखते हुए गुमराह करने के एवज में बीपीआरओ, परैया एवं एई(विद्युत), टिकारी को पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड की अनुशंसा करते हुए परिवाद में कार्रवाई समाप्त की.

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