पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दावा किया कि पश्चिम की कुछ ताकतें भारत की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में सच्ची धर्मनिरपेक्षता का पालन किया जाता है. नायडू ने यह भी कहा कि राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए सेना को किसी विवाद में नहीं शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर में प्रतिकूल परिस्थितियों में काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें कश्मीर को लेकर परेशानी और विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. भारत में लोकतंत्र के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी और अदाणी समूह से जुड़े मुद्दों को लेकर संसद में गतिरोध के बीच, नायडू ने कहा कि सदन को बहस एवं चर्चा करनी चाहिए और निर्णय लेना चाहिए, लेकिन संसद में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए. नायडू ने 29वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान में कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया भर में सम्मान मिल रहा है, हालांकि पश्चिम की कुछ ताकतें, खास कर औपनिवेशिक शासक, भारत की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं. नायडू ने कहा कि यही कारण है कि भारत और इसकी प्रगति के बारे में आपको अक्सर यहां-वहां नकारात्मक खबरें मिलेंगी. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। नायडू ने दावा किया कि भारत के कुछ विकृत लोग देश से बाहर जाते हैं और कहते हैं कि ब्रिटिश शासन बेहतर था. उन्होंने कहा कि सौभाग्य से, किसी नेता ने ऐसा नहीं कहा। मैं किसी और व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहता हूं.
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