हावड़ा में फिर भड़की दंगे की आग, दोनों पक्षों में ईंट-पत्थरों की बौछार


हावड़ा में धारा 144 लागू - मंत्री के कार पर किया पथराव
हावड़ा : जुम्मे की नमाज अदा होते ही हावड़ा के शिवपुर में अंचल में एक बार फिर दंगा भड़क गया। शुक्रवार को जैसे ही जुम्मे की नमाज पढ़ी गई दोनो पक्ष आमने -सामने आ गए और दोनों ओर से ईंट-पत्थरों की बरसात शुरू हो गई। पुलिस सुबह से ही घटनास्थल पर मौजूद थी। फजीर बाजार से लेकर शिवपुर थाना तक उपद्रवी रास्ते पर डटे रहें। 

एक बार फिर शिवपुर के श्री अपार्टमेंट स्थित एक धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया गया। घटना की सूचना मिलते ही रैफ व कॉम्बैट फोर्स को उतारा गया। दूसरी ओर जीटी रोड से गुजर रहे सहकारिता मंत्री अरुप राय के कार पर भी पथराव किया गया जिससे उनके कार का पिछले हिस्से का शीशा टूट गया। और थोड़ी ही देर में मामले ने विध्वंसक रूप ले लिया। 

हालांकि काफी संख्या में पुलिस बल के उतरते ही चारो ओर सन्नाटा छा गया। भीड़ तितर-बितर हो गई। लोग घरों में घुस गए। शाम 4 बजे तक पुलिस ने परिस्थिति पर काबू पा लिया। हालांकि पुलिस को लक्ष्य करके पत्थर भी फेंके गए। इस घटना में दो पुलिसवाले भी चोटिल हुए हैं। हालांक पुलिस ने अबतक 27 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।

दुकानें रहीं बंद : गुरुवार को शिवपुर अंचल में बवाल के बाद से दुकानें बंद रही। आम लोगों पर भी ईंट-पत्थर फेंके गए। उधर दंगाई रास्ते पर डटे रहें। लेकिन धारा 144 लागू होते ही सारे दंगाई रास्ते से हट गए। थोड़ी देर बाद वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई। लेकिन रात होने के बादजूद पुलिस रास्ते पर डटी है। 

विहिप ने पुलिस पर लगाया मूकदर्शक बने रहने का आरोप
हावड़ा में रामनवमी शोभायात्रा के संयोजक इंद्रदेव दूबे ने कहा कि रामनवमी की जुलूस के लिए पहले से ही पुलिस से अनुमति ली गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस पूरे मामले में मूकदर्शक बनी रही थी। रैली के लिए प्रशासन की ओर निर्देश दिये गये थे। रैली में पड़ने वाले थाने, पुलिस आयुक्त और उप पुलिस आयुक्त और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया गया था। एक महीने पहले यह सूचित किया गया था। जिस रूट पर दुखद घटना घटी है। 

विश्व हिंदू परिषद की ओर से पिछले 10 साल से पालन किया गया था। पिछले साल भी उसी जगह पर घटना घटी थी। प्रशासन से इस बारे में आग्रह किया गया था कि शिवपुर थाने के पास 50 मीटर की दूरी पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये जाएं। 30 मार्च को समय के अनुसार यात्रा शुरू किया गया था। पुलिस के अनुसार सारा कार्यक्रम हो रहा था लेकिन सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गई और पथराव शुरू हो गया।

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