पंचायत चुनाव 2023 को लेकर चुनाव आयोग कोई अधिसूचना जारी नहीं कर पाएगा. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अगले आदेश तक अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया पर फिर रोक लगा दी है. इससे पहले मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई में कहा था कि चुनाव आयोग बिना हाई कोर्ट की अनुमति के पंचायत चुनाव को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं कर सकता है.
बताते चलें कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में पंचायत चुनाव कराने की मांग को लेकर मामला दायर किया था. बुधवार को उस मामले की सुनवाई थी. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव अधिसूचना जारी करने पर रोक बरकरार रखी. इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को है. उस तारीख तक आयोग पंचायत चुनाव की तारीख या अन्य किसी मामले की घोषणा नहीं कर पाएगा.
सुवेंदु ने अदालत में मामला दायर कर दावा किया था कि 2013 में केंद्रीय बलों की निगरानी में पंचायत चुनाव कराए गए थे. उस चुनाव में किसी तरह के हंगामे की खबर नहीं थी. लेकिन 2018 के चुनाव में कोई केंद्रीय बल नहीं था. इस चुनाव में खलबली मच गई थी. सुवेंदु ने केंद्रीय बलों की मांग की ताकि आगामी चुनाव में ऐसी कोई घटना न हो.
सुवेंदु ने आगे आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति व जनजाति और ओबीसी समुदायों के लोगों की गणना के संबंध में राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना में त्रुटियां थीं. इस संबंध में हाई कोर्ट ने आयोग से हलफनामा मांगा है. आयोग ने बुधवार को कोर्ट में हलफनामा पेश किया.
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