सरकार धो रही है तेल बॉन्ड के 'पाप' : निर्मला सीतारमण


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार पिछली संप्रग सरकार के 'पापों' को धो रही है क्योंकि उसे ईंधन सब्सिडी का पुनर्भुगतान करना पड़ रहा है जिसे उन्होंने भविष्य के लिए स्थानांतरित कर दिया था. राज्यसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों को तेल की कीमतें नहीं बढ़ाने पर हुए नुकसान के बदले तेल बॉन्ड जारी किए थे. ये बॉन्ड सब्सिडी थे जिनका भुगतान भविष्य की सरकारों द्वारा किया जाना था.

कुल मिलाकर, 1.71 लाख करोड़ रुपये मूल्य के तेल बॉन्ड जारी किए गए और इस संबंध में ब्याज सहित 2.34 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और 1.07 लाख करोड़ रुपये बाकी हैं जिनका अंतिम भुगतान 2025-26 में किया जाना है. उन्होंने कहा कि इसी तरह उनकी सरकार को बैंकों का पूंजीकरण करना पड़ा, क्योंकि उनके बही-खाते 'जीजाजी' और अन्य मित्रों को उनकी साख का पता लगाए बिना ऋण देने के निर्देशों से कमजोर हो गए थे. सीतारमण ने कहा कि यह पूंजी बॉन्ड के जरिये प्रदान की गई थी जो 2037 तक देय हैं. 

उन्होंने जोर दिया कि दो बॉन्ड के बीच अंतर है क्योंकि तेल बॉन्ड सब्सिडी के लिए थे जो राजस्व व्यय है और संपत्ति का निर्माण नहीं करता है. वहीं बैंक पुनर्पूंजीकरण के लिए बॉन्ड से बैंकों को मजबूती मिली है.

वित्त मंत्री ने कहा, 'आज, हमारे बैंक अपने दम पर खड़े हैं, वे अपने हिसाब से राशि जुटा सकते हैं...अगर मुझे उनके (संप्रग) लिए पाप शब्द का उपयोग करने की अनुमति दी जाए. हम प्रायश्चित कर रहे हैं.'

इससे पूर्व लोकसभा में वित्त मंत्री ने खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी में कटौती करने के विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के कई एहतियाती कदमों और आरबीआई की मौद्रिक नीति के कारण महामारी एवं रूस-यूक्रेन संघर्ष के दबाव से उबरते हुए भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और आगे भी रहेगा.

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