प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कहा कि उसने कोलकाता की एक कंपनी के परिसर से 1.4 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं. साथ ही एक ऐसे व्यक्ति की पहचान की है जो कथित रूप से कोयले की तस्करी से इकट्ठा किए गए मंत्री के अवैध पैसों को संभाल रहा था.
जांच एजेंसी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने बुधवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में अर्ल स्ट्रीट स्थित गजराज समूह के परिसर पर छापेमारी की. ईडी ने बताया कि कार्रवाई एक खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी. जानकारी मिली थी कि एक अत्यधिक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति अपने विश्वासपात्र मनजीत सिंह ग्रेवाल की मदद से कोयले की तस्करी से होने वाली ब्लैक मनी को वैध करने की कोशिश कर रहा है.
ईडी ने बताया कि बरामद किए गए 1.4 करोड़ रुपये उस 9 करोड़ रुपये की भुगतान का हिस्सा है जिसे सालासार गेस्ट हाउस नाम की संपत्ति को खरीदने के लिए इस्तेामल किया जा रहा था. यह राशि कोयले की तस्करी के बदले नगद भुगतान के जरिए हासिल की गई थी. इस ब्लैक मनी को प्रॉपर्टी की खरीद के जरिए वैध बताने का प्रयास किया जा रहा था.
ईडी ने कहा कि उसी संपत्ति की रजिस्ट्री 8 फरवरी को अतिरिक्त उप-रजिस्ट्रार, अलीपुर के कार्यालय में कम मूल्य पर की गई थी और गजराज ग्रुप के विक्रम सकारिया के कार्यालय में बुधवार को शाम लगभग 5 बजे नकदी का आदान-प्रदान किया जा रहा था. इसके बाद ईडी ने जाल बिछाया और उक्त परिसर की तलाशी ली जहां उन्हें 1.4 करोड़ रुपये बरामद हुए.
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया, ''रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के प्रारंभिक विश्लेषण में एक बड़ी सांठगांठ का पता चला है और इसे देखकर ऐसा लग रहा है जैसे यह व्यक्ति मंत्री की अवैध नकदी को संभालने में भी शामिल था.'' प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि परिसर से कुछ आपत्तिजनक मीडिया भी जब्त किया गया है.
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