केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचे. अमित शाह ने यहां विजय संकल्प महारैली में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा. हालांकि, अपने दो दिवसीय दौरे की शुरूआत उन्होंने बाबा बैद्यनाथ के दर्शन और पूजा के साथ की. इसके बाद उन्होंने देश के पांचवे नैनो तरल यूरिया संयंत्र का शिलान्यास देवघर में किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने नैनो तरल यूरिया संयंत्र के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देवघर की इस भूमि और बाबा के चरणों में मेरा सादर प्रणाम. यहां के कंकर-कंकर में शंकर का वास है. जय जोहार! इसके बाद शाह ने कहा कि विश्व में सबसे पहले तरल नैनो यूरिया बना कर इफको ने एक बहुत बड़ा काम किया है.
देवघर की इस पवित्र भूमि पर बना ये कारखाना पूरे संथाल परगना का विकास सुनिश्चित करेगा. इस संयंत्र से सालाना छह करोड़ नैनो यूरिया की पांच सौ ग्राम वजन वाली बोटल का निर्माण होगा. यह पूर्वी भारत के बिहार, बंगाल, उड़ीसा और झारखंड के किसान के खेत में उत्पाद बढाने में सहयोग करेगा. शिलान्यास कार्यक्रम से लौटने के बाद शाह ने विजय संकल्प महारैली में हुकांर भरी.
केंद्रीय गृह मंत्री देवघर में आयोजित विजय सकंल्प महारैली में झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला है. शाह ने कहा कि भारत में अगर कहीं सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकार है तो वो झारखंड में है...कोई मंत्री-मुख्यमंत्री बनता है तो हाथ से करप्शन करता है, लेकिन यहां तो ट्रैक्टर और रेलवे के वैगन से भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया गया है.
अमित शाह ने कहा कि कोरोना में हमने तय किया था कि सरकार किसी भी घर का चूल्हा बंद नहीं होने देगी, हमने ढाई साल तक प्रति व्यक्ति-प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त पहुंचाया है. अब एक और साल तक हम गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध करवाएंगे. अमित शाह ने कहा कि मोदी जी की सरकार ने गरीब, आदिवासी और पिछड़ों के हित को हमेशा वरीयता दी है. आजादी के बाद पहली बार एक गरीब आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं हैं, यह हर गरीब का सम्मान है...हर आदिवासी का सम्मान है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आम बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने का कार्य किया है, जिनकी आय 7 लाख रुपए से कम है उनको इनकम टैक्स में छूट दी है. सरकार आदिवासी भाईयों के लिए 740 एकलव्य मॉडल स्कूल तैयार करेगी, जिसके लिए 38,000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. झारखंड सरकार द्वारा गरीबों और आदिवासियों के विकास का पैसा दिल्ली के दरबार में पहुंचाया जा रहा है.
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