मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 46वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुस्तकें विश्व की लाइफलाइन हैं, ये पूरी दुनिया को एकजुट करती हैं. उन्होंने आगे कहा, "अब इंटरनेट से काफी कुछ सीखा जा सकता है लेकिन सबको पुस्तक मेले में भी आना चाहिए. पुस्तकों से नई-नई चीजें जानने को मिलती हैं, इससे नए आविष्कार होते हैं. यह लोगों में चेतना भरती है, पुस्तकें मनुष्य का जीवन हैं."
पुस्तक मेले के मंच से ममता ने अपने आलोचकों को भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, "सभी आलोचना करने के लिए बैठे रहते हैं, अच्छा काम करने पर कोई कुछ नहीं कहता. कोई मेरी आलोचना करता है तो मुझे खुशी होती है, इससे रोज कुछ सीखने को मिलता है."
सीएम ममता ने कहा, "मैं शांति और समृद्धि चाहती हूं, गरीबी से लड़ाई चाहती हूं, नारी सशक्तीकरण चाहती हूं. लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज उठाएं. मानवता, संविधान, मानवाधिकार और लोगों की लोकतांत्रिक अधिकार की बात करें. मैं हेट स्पीच की निंदा निंदा करती हूं, इसे ब्लैक आउट करें. सभी को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है."
सीएम ममता ने दिल्ली में बांग्ला पुस्तक मेला का आयोजन करने की भी बात कही, हालांकि इसका कोई निर्दिष्ट समय नहीं बताया. उन्होंने कहा, "हम दिल्ली में भी पुस्तक मेले का आयोजन करेंगे, जिसमें बंगाल के सभी जिले भाग लेंगे. हम इसमें विदेशी प्रकाशकों को भी इसमें आमंत्रित करेंगे." मुख्यमंत्री ने इस बाबत कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन करने वाली संस्था पब्लिसर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड से इसमें राज्य सरकार का सहयोग करने को कहा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "पुस्तक मेले में इस बार मेरी छह नई पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी. अन्य चार-पांच पुस्तकों पर अभी काम चल रहा है, उन्हें बाद में प्रकाशित किया जाएगा. अब तक मेरी 128 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं." ममता ने उनके पुस्तक लिखने पर सवाल उठाने वालों से पूछा कि क्या राजनेता पुस्तकें नहीं लिख सकते?
पुस्तक मेले में इस बार 950 स्टॉल लगाए गए हैं. यहां चार फरवरी को कोलकाता और बांग्लादेश के साहित्यकारों के बीच चर्चा के साथ बांग्लादेश दिवस मनाया जाएगा. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. आपको बताते चलें, 46वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला 12 फरवरी तक चलेगा.
Post a Comment