पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण और इसके समुचित इस्तेमाल हेतु जागरूकता बेहद जरूरी.. उपमुख्यमंत्री


पटना: आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की बिहार इकाई के तत्वावधान में अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण और इसके विवेकपूर्ण इस्तेमाल हेतु जागरूकता बेहद जरूरी है।




     उन्होंने कहा कि भारत विश्व में तेल की खपत करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। पेट्रोलियम उत्पादों के अधिक इस्तेमाल से इसकी मांग निरंतर बढ़ती जा रही है एवं मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में भी इजाफा होता है। इसलिए जरूरत इस बात की है कि ईंधन और ऊर्जा बचत के लिए व्यापक रूप से जन-जागृति अभियान  संचालित किया जाना चाहिए। खुशी की बात है कि हर साल तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण की महत्ता को देखते हुए संरक्षण, क्षमता महोत्सव (सक्षम) का आयोजन किया जाता है। इसे और भी व्यापक बनाने की जरूरत है।

     उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तेल के बढ़ते उपयोग से पृथ्वी के अंदर उसकी मौजूदगी या भंडार 

 निरन्तर कम हो रहा है। हमें वैकल्पिक और नवीकरणीय स्रोत को विकसित करने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल की भी आदत डालनी होगी। ईंधन और ऊर्जा बचत के लिए आगामी पीढ़ी को पूरी जन-भागीदारी के साथ जागरूक करने की जरूरत है।




      गौरतलब है कि 11 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों, गृहिणियों, छात्रों को विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये तेल एवं गैस संरक्षण हेतु कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान तेल एवं प्राकृतिक गैस के संरक्षण एवं विवेकपूर्ण इस्तेमाल के लिए शपथ भी लिया गया। साथ ही, उप मुख्यमंत्री एवं अतिथियों द्वारा गुब्बारा उड़ाकर तेल और ऊर्जा बचत का संदेश दिया गया एवं प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

      उक्त अवसर पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन एवं बिहार के राज्य स्तरीय संयोजक श्री विभाष कुमार, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर श्री संजय कुमार, भारत पैट्रोलियम के स्टेट हेड श्री अजय कुमार मिश्रा, गेल के चीफ मैनेजर मो० घायुर जाहिरी, पी.सी.आर.ए. के श्री समीर कुमार, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के महाप्रबंधक श्री सोमेन बनर्जी सहित कृषि, उद्योग, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं और शोधार्थी उपस्थित थे।

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