पंचायत चुनाव की जिले में प्रशासनिक तैयारी तेज हो गई है। इसके तहत जिले में मतदान केंद्रों की संख्या निर्धारित कर दी गई है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी मुकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि कुल 2941 बूथों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें से जिले के कुल 1086 बूथ नक्सल प्रभावित हैं। कुल 785 भवनों में ये बूथ बनाए गया है। यानि जिले में 37 फीसदी मतदान केंद्र व 27 फीसदी भवन नक्सल प्रभावित घोषित कर दिया गया है।
मालूम हो कि इस बार जिला परिषद सदस्य, मुखिया, पंचायत सचिव व वार्ड सदस्य के लिए ईवीएम से वोट डाले जाएंगे। सरपंच और पंच पद के लिए पूर्व की तरह बैलेट पेपर के माध्यम से ही मतदान होगा। ईवीएम से मतदान होने के कारण बूथों की संख्या कम हो गई है। नक्सल प्रभावित बूथों पर मतदान का समय कम निर्धारित किया गया है। औरंगाबाद, बारुण, दाउदनगर और ओबरा प्रखंड में चार बजे तक मतदान होगा। इसके अलावा सभी नक्सल प्रभावित प्रखंडों में तीन बजे तक ही मतदान कराया जाएगा।
कहते हैं एसडीपीओ
एसडीपीओ मनीष कुमार ने बताया कि नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया जाएगा। पेट्रोलिंग कराई जाएगी। सर्च आपरेशन चलाया जाएगा। सड़क व पुलिया की जांच कराई जाएगी। मतदान शांतिपूर्ण व सुरक्षित संपन्न होने के लिए हर प्रकार के सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।
चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की पर्याप्त संख्या में तैनाती एवं उपलब्धता, नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था, सीमा सीलिंग समेत अन्य बिंदुओं पर समीक्षा की। अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण के विरुद्ध लगातार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
पंचायत चुनाव व विधि-व्यवस्थाओं की समीक्षा की। स्वच्छ व निष्पक्ष पंचायत चुनाव को लेकर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सीसीए का प्रस्ताव गृह विभाग भेजने का निर्देश दिया। विशेष सचिव ने विधि व्यवस्था से संबंधित कई निर्देश दिए। जेल से छूटे अपराधियों पर भी नजर रखने को कहा गया है।
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