Punjab New CM: सीएम पद की शपथ लेने से पहले चरणजीत सिंह चन्‍नी ने चमकौर साहिब में टेका माथा, 11 बजे शपथ ग्रहा होगा

Punjab New CM Oth: पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले श्री चमकौर साहिब में माथा टेका। उनके साथ परिवार भी था। वह आज दिन में 11 बजे शपथ लेंगे। यह भी चर्चा चल रही है कि उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ ले सकते हैं। हालांकि अभी इसकी कहीं से भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। माना जा रहा है कि जब नए कैबिनेट का गठन होगा तब ही डिप्टी मुख्यमंत्री पद की भी शपथ दिलवा दी जाएगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पंजाब कैबिनेट भंग हो गई है। अब नए सिरे से पंजाब कैबिनेट का गठन किया जाएगा। चन्‍नी पंजाब के पहले दलित (रामदासिया सिख) और पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री होंगे।

जानकारी के अनुसार पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री व कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता ब्रह्म मोहिंद्रा डिप्टी सीएम की दौड़ में सबसे आगे है। मोहिंद्रा खुद भी डिप्टी सीएम बनना चाहते है। चूंकि प्रदेश की कमान जट्ट सिख नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दलित को बैठाने के बाद एक हिंदू नेता के रूप में मोहिंद्रा की दावेदारी बढ़ जाती है। क्योंकि पार्टी को हिंदू को भी प्रतिनिधित्व देना है।

वहीं, रविवार देर शाम तक मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में चल रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा अब डिप्टी सीएम की दौड़ में शामिल हो गए है। शनिवार को रंधावा सुनील जाखड़ का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आने पर डिप्टी सीएम बनने को तैयार नहीं थे। क्योंकि, वह खुद को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार मान रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री न बनने के बाद अब उनकी कोशिश डिप्टी मुख्यमंत्री बनने की है। हालांकि रंधावा कह रहे है कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है।

वहीं, माना जा रहा है कि चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री साधू सिंह धर्मसोत का पत्ता कैबिनेट से कट सकता है। क्योंकि, उन पर पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के फंड में घोटाला करने का आरोप है। चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले साधू सिंह धर्मसोत के साथ खड़े थे इसलिए उन्हें कैबिनेट से नहीं हटाया गया। ऐसे में दलित मुख्यमंत्री बनने के बाद अब कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती दलित वर्ग को इंसाफ दिलवाने की भी रहेगी।  पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाले को लेकर विपक्ष कांग्रेस को घेरता रहा है।

वहीं, जिस प्रकार से चरणजीत सिंह चन्नी ने राजभवन में अपनी दावेदारी पेश करने के उपरांत सबसे पहले मनप्रीत बादल के घर जाकर मुलाकात की और उन्हें अपने साथ अपने घर ले गए (दोनों के घर अलग-बगल है) से स्पष्ट है कि कैबिनेट में मनप्रीत का कद बड़ा ही रहेगा।

जाखड़ ने डिप्टी मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव ठुकराया

मुख्यमंत्री पद का फैसला होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सुनील जाखड़ के सामने नई कैबिनेट में डिप्टी मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा। जिसे जाखड़ ने सिरे से ही खारिज कर दिया। शनिवार शाम से ही सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे लेकिन सुखजिंदर सिंह रंधावा के विरोध और अंबिका सोनी द्वारा पंजाब में सिख को ही चेहरा बनाने की बात कहने के बाद जाखड़ का पत्ता कट गया था।

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा से पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने जाखड़ के समक्ष डिप्टी मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा। सुनील जाखड़ को यह मंजूर नहीं था। अत: उन्होंने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि जाखड़ द्वारा मना किए जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में खलबली मच गई। क्योंकि, पार्टी ने जाखड़ को विशेष रूप से बेंगलूरू से वापस बुलाया था और वह मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार थे।

पार्टी के प्रभारी हरीश रावत और पयर्वेक्षक हरीश चौधरी व अजय माकन द्वारा पार्टी विधायकों द्वारा लिए गए फीडबैक में सबसे अधिक विधायकों ने जाखड़ के नाम पर हामी भरी थी। सूत्र बताते हैं कि हरीश रावत के बाद पार्टी हाईकमान की तरफ से भी जाखड़ को फोन किया गया और उनसे पंजाब कैबिनेट में आने के लिए कहा गया लेकिन वह तब भी नहीं माने।

अंबिका और हरीश चौधरी ने निभाई अहम भूमिका

चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में अंबिका सोनी और हरीश चौधरी ने अहम भूमिका अदा दी। जानकारी के अनुसार राहुल गांधी सुनील जाखड़ को नया मुख्यमंत्री बनाने का मन बना चुके थे लेकिन गांधी परिवार की सबसे करीबी अंबिका सोनी ने राहुल गांधी के साथ बैठक करके उन्हें पंजाब में किसी सिख चेहरे को ही मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा। वहीं, पंजाब का सह प्रभारी रहते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को सीएलपी लीडर बनाने में अहम भूमिका निभा चुके हरीश रावत ने चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई।

चन्‍नी का नाम डिप्‍टी सीएम के लिए चर्चा था , सीएम के लिए अपने नाम से खुद भी थे अनजान

दरअसल, चन्‍नी का नाम डिप्टी सीएम के लिए चर्चा में था। उनको सीएम बनाने का फैसला इतना अप्रत्याशित था कि खुद चन्नी भी इससे अनजान थे। उनके नाम की औपचारिक घोषणा होने के बाद उन्होंने कहा, 'मैंने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के आयोजन में निष्ठा से सेवा निभाने की कोशिश की थी, लेकिन उस सेवा का फल इतना बड़ा मिलेगा, ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचा था। यह सब बाबा नानक की कृपा है।'

वहीं, पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से कहा, 'हमारी आपसी भावना यह है कि दो डिप्टी सीएम होने चाहिए। जल्द ही हम मंत्रिपरिषद के नामों के साथ इस पर फैसला करेंगे। कुछ नामों पर चर्चा हुई है। यह सीएम का विशेषाधिकार है। पंजाब का नया मुख्यमंत्री चुनने का फैसला कल (शनिवार) ही ले लिया गया था। हम केवल राज्यपाल से मिलने का इंतजार कर रहे थे। चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर पार्टी एकमत थी। हम कोशिश करेंगे कि अमरिंदर सिंह शपथ ग्रहण के समय मौजूद रहें, लेकिन यह उनके ऊपर है।'

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