बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा मामले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआइ ने जांच को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। चुनाव के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में सीबीआइ ने जांच के लिए 109 अधिकारियों की टीम गठित करने के बाद अब नौ मामले दर्ज किए हैं।
गुरुवार को सीबीआइ के सूत्रों ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही हिंसा की जांच के लिए गठित सीबीआइ की सभी चार इकाइयां भी कोलकाता से अपने दलों को संबंधित अपराध स्थलों पर भेज रही हैं।
बता दें कि सीबीआइ ने चुनाव बाद हिंसा मामले की जांच का जिम्मा कोयला और पशु तस्करी मामले की जांच करने वाले अधिकारी अखिलेश सिंह को सौंपी है। अखिलेश सिंह अब स्पेशल क्राइम ब्रांच की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्हें स्पेशल क्राइम ब्रांच का हेड बनाया गया है। वह हिंसा के दौरान हत्या और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों की जांच करेंगे।
बताते चलें कि हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने चुनाव बाद हत्या, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म समेत गंभीर मामलों की जांच करेगी और जबकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में तीन आइपीएस अफसरों की विशेष जांच टीम(एसआइटी) कम गंभीर मामलों की जांच करेगी। सीबीआइ ने जांच के लिए बंगाल को चार जोनों में बांटा है। इन चार जोनों की सीबीआइ टीम का नेतृत्व संयुक्त निदेशक स्तर के चार अधिकारी करेंगे, जो कोलकाता पहुंचे हैं। सीबीआइ की जांच टीम में पूर्वी क्षेत्र के डीआइजी अखिलेश कुमार सिंह के अलावा सीबीआइ के चार संयुक्त निदेशक शामिल हैं। सीबीआइ पहले ही चार संयुक्त निदेशकों के नेतृत्व में चार विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर चुकी है। इन चारों टीमों में कुल 30 अधिकारी हैं।
अलग कैंप आफिस से जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी सीबीआइ
चुनाव के बाद हिंसा की जांच सीबीआइ के स्थाई साल्टलेक स्थित सीजीओ कांप्लेक्स या फिर निजाम पैलेस स्थित आफिस में नहीं होगी। इसके लिए सीबीआइ की जो विशेष टीमें बनी हैं उसके लिए पोर्ट ट्रस्ट के किसी भवन में अस्थाई कैंप आफिस बनाया जाएगा। इसी सीबीआइ दफ्तर के कैंपस में ही विशेष जांच टीम (एसआइटी) का भी दफ्तर होगा।
सीबीआइ सूत्रों से पता चला कि तीसरा स्थान चुनने की वजह यह है कि हिंसा की जांच के लिए टीम बड़ी होगी। ऐसे में निजाम पैलेस या फिर सीजीओ कांप्लेक्स स्थित दफ्तर छोटा पड़ जाएगा। जांचकर्ताओं चार संयुक्त निदेशके अलावे में एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर समेत कई और अधिकारी होंगे।
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