गोल्फ स्पर्धाःओलंपिक पदक से मामूली अंतर से चूकी अदिति


तोक्यो : भारत की अदिति अशोक ओलंपिक खेलों की गोल्फ स्पर्धा में पदक से मामूली अंतर से चूक गई और खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर करके चौथे स्थान पर रही। अदिति का कुल स्कोर 15 अंडर 269 रहा और वह दो स्ट्रोक्स से चूक गई । ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक के करीब पहुंची अदिति ने सुबह दूसरे नंबर से शुरूआत की थी लेकिन वह पिछड़ गई। 

रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही अदिति ने हालांकि आशातीत प्रदर्शन किया है। आखिरी दौर में उन्होंने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाया और नौवें तथा 11वें होल पर बोगी किये।

दुनिया की नंबर एक गोल्फर नैली कोरडा ने दो अंडर 69 के साथ 17 अंडर कुल स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को के बीच रजत पदक के लिये प्लेआफ खेला गया जिसमें इनामी ने बाजी मारी । तूफान के कारण कुछ समय खेल बाधित रहा जब 16 होल पूरे हो चुके थे। अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी लेकिन दो बोगी से वह को से पीछे रह गई जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाये।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोल्फ खिलाड़ी अदिति अशोक की शनिवार को प्रशंसा की और कहा कि वह तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने से भले चूक गई हों लेकिन उन्होंने एक मिसाल कायम की है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “बेहतरीन खेलीं अदिति। तोक्यो 2020 में आपने शानदार कौशल और संकल्प का प्रदर्शन किया। आप पदक से मामूली अंतर से चूक गईं, लेकिन इसमें अब तक किसी भी भारतीय ने जो हासिल किया आप उससे कहीं आगे निकल गईं और आपने एक मिसाल कायम की है। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”

किसी और टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहकर अदिति अशोक को दुख नहीं होता लेकिन यह ओलंपिक था और भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली इस भारतीय गोल्फर ने कहा कि यहां चौथे स्थान पर रहकर खुश होना संभव नहीं है। कल रात दूसरे स्थान पर काबिज अदिति चौथे और आखिरी दौर के बाद तीन अंडर 68 और कुल 15 अंडर 269 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर खिसक गई। उन्होंने कहा, किसी और टूर्नामेंट में मुझे खुशी होती लेकिन ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल है। मैने अच्छा खेला और अपना शत प्रतिशत दिया।

आखिरी दौर में पांच बर्डी और दो बोगी करने वाली अदिति ने कहा, मुझे लगता है कि आखिरी दौर में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों की इस खेल में रूचि बढेगी जिसे अभी तक अभिजात्य वर्ग का खेल माना जाता रहा है । उन्होंने कहा, काश मैं पदक जीत पाती लेकिन मुझे उम्मीद है कि अभी भी सब खुश होंगे। मैने आखिरी दौर से पहले इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा कि लोग मुझे टीवी पर देख रहे हैं।

अदिति ने कहा, कुछ और अच्छे प्रदर्शन से खेल में लोगों की रूचि बढेगी। ज्यादा बच्चे गोल्फ खेलने लगेंगे। उन्होंने कहा, जब मैने गोल्फ खेलना शुरू किया तो कभी सोचा नहीं था कि ओलंपिक खेलूंगी। गोल्फ उस समय ओलंपिक का हिस्सा नहीं था । कड़ी मेहनत और अपने खेल का पूरा मजा लेकर आप यहां तक पहुंच सकते हैं।

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