प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक मंत्रिपरिषद विस्तार और मंत्रियों के प्रभार में फेरबदल के एक दिन बाद हुई है। प्रधानमंत्री आम तौर पर विस्तार या फेरबदल के बाद कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के साथ बैठक करते हैं। प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें कोरोना महामारी से पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा की गई थी।
इससे पहले पीएम मोदी ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक ली जिसमें स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है। उन्होंने बताया कि भविष्य में कोविड से कैसे निपटे उसके लिए 23 हज़ार करोड़ रुपए का पैकेज लाया जाएगा। केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए देगी और राज्य सरकारें 8,000 करोड़ रुपए देगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 736 ज़िलों में पीडिएट्रिक यूनिट बनाए जाएंगे। 20,000 आइसीयू बेड तैयार किए जाएंगे। हर ज़िले में 10,000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। हर ज़िले में एक करोड़ रुपए की दवाईयों का बफर स्टॉक किया जाएगा। 23,000 करोड़ रुपए के इस पैकेज की सारे प्रावधानों को अगले नौ महीनों में अमल में लाया जाएगा।
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि देश में नारियल की खेती से उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था जिसमें सरकार संशोधन करने जा रही है। बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा। यह किसान वर्ग से होगा जिसे खेती बारी की जमीनी हकीकत पता हो। कृषि मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा। कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत एक लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग APMC कर सकेंगी...
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