मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- बंगाल हिंसा की जांच कर रही एनएचआरसी समिति के सदस्य का भाजपा से ताल्लुक

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि चुनाव बाद हिंसा की भारतीय जनता पार्टी की कहानी मनगढ़ंत है और आरोप लगाया कि हिंसा की जांच के लिए राज्य में आई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) समिति के एक सदस्य का संबंध भगवा पार्टी से है। गौरतलब है कि चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर एनएचआरसी द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि राज्य में "कानून के शासन" के बजाय "शासक के कानून" का बोलबाला है।

ममता ने कहा कि एनएचआरसी का एक सदस्य भाजपा का व्यक्ति निकला है। वह अतीत में एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के एक बड़े पदाधिकारी थे। मुझे लगता है कि उन्होंने केवल भाजपा के पक्ष को लिया और रिपोर्ट में अपना विचार डाला।" उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं हुई थीं, लेकिन उस समय कानून-व्यवस्था पर चुनाव आयोग का नियंत्रण था।

बता दें कि इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को बंगाल सरकार को राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में तैयार एनएचआरसी की रिपोर्ट पर हलफनामे के जरिए 26 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का ‘अंतिम मौका’ दिया।

उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कथित तौर पर लोगों पर हमले करने, घरों से भागने पर मजबूर करने और संपत्ति को नष्ट करने के खिलाफ दाखिल कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने राज्य सरकार को 26 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। 

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