राज्य सरकार की सख्ती के बाद निजी बस मालिक संगठनों ने अपने रुख को नरम किया है। शनिवार से कोलकाता की सड़कों पर और 3,500 निजी बसें दिखाई देंगी। गौरतलब है कि मालिक संगठन पहले किराया नहीं बढ़ाए जाने तक बसें उतारने को राजी नहीं थे लेकिन अब उन्होंने अपना इरादा बदला है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने फिलहाल निजी बसों का किराया बढ़ाने से साफ इन्कार कर दिया है।
परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने पिछले दिनों निजी बस मालिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में कहा था कि वे पहले बसों को सड़कों पर उतारें। उसके बाद किराया बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। किराया बढ़ाने पर परामर्श देने के लिए गठित की गई विशेषज्ञ कमेटी ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी है, जिसपर गौर किया जा रहा है।
दूसरी तरफ निजी बस मालिक संगठनों ने उह वक्त कहा था कि जब तक किराए में वृद्धि नहीं की जाएगी, तब तक उनके लिए बसें चलाना संभव नहीं हो पाएगा। राज्य सरकार व निजी बस मालिक संगठनों में चल रही तनातनी से उन लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही थी, जिन्हें जरूरी काम से बाहर निकलना पड़ रहा है।
निजी बस मालिक संगठनों का कहना था कि 2018 के बाद से बसों का किराया नहीं बढ़ाया गया है जबकि इस दौरान डीजल का मूल्य प्रति लीटर 65 रुपये से बढ़कर 92 रुपये को छू गया है।उन्होंने यह भी कहा थि कि लोग वर्द्धित किराया देने को राजी हैं, फिर भी सरकार किराया नहीं बढ़ा रही है।
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