रेल सुपरवाइजर को कंपनी के प्रतिनिधि ने भला बुरा सुनाया, क्षतिग्रस्त फर्स और जलजमाव बना हादसे का कारण
युवा शक्ति संवाददाता
गया।गया जंक्शन के मालगोदाम में मंगलवार को मालगाड़ी से अल्ट्राटेक कंपनी का लाया गया सीमेंट ट्रैक्टर पर लोड करने के बाद ट्रैक्टर पलट गया। जिससे व्यापारी को करीब 50 हजार रुपए का नुकसान हुआ। इस घटना को व्यापारी के प्रतिनिधि और यहाँ कार्यरत सुपरवाइजर के साथ काफी नोकझोंक भी हुई। व्यापारी ने हुए माल के नुकसान को लेकर सुपरवाइजर को भला बुरा भी सुना दिया। दरअसल गया जंक्शन के मालगोदाम में जिस जगह पर मालगाड़ी की रेक लगी हुई थी। उस स्थान पर फर्स क्षतिग्रस्त है। काफी गड्ढा भी है। जहां बारिश का पानी लबालब भरा हुआ रहता है। आज भी हालत कुछ ऐसे ही थे। बताया गया कि मंगलवार को यहां अल्ट्राटेक और कोणार्क सीमेंट लदी रेक को प्लेस किया गया था। अल्ट्राटेक सीमेंट के सीएनएफ जुपिटर मार्केटिंग के प्रतिनिधि यहां अपनी सीमेंट को बोगी से अनलोड कर ट्रैक्टर पर लदवा रहे थे। जहां गड्ढा और पानी भरे रहने के कारण ट्रैक्टर पलट गया। जिससे इस कंपनी को करीब 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ। जुपिटर मार्केटिंग के कैरी एंड forwading कार्य में लगे संजय कुमार ने बताया कि रेल प्रशासन की अव्यवस्था से उनकी कंपनी को अच्छा नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि गया जंक्शन का मालगोदाम 'ए' श्रेणी में आता है, लेकिन यहां व्यापारियों के लिए किसी प्रकार की सुविधा रेल प्रशासन द्वारा नहीं मुहैया कराई जाती है। यहां न तो बेहतर शेड है और न माल लोडिंग व अनलोडिंग के लिए गुणवत्तापूर्ण प्लेटफॉर्म ही बनाया गया है। जिसके कारण आए दिन रेल से माल ले जाने व मंगवाने वाले व्यवसायियों को कई तरह की परेशानियों से होकर रेल के साथ व्यापार करना पड़ता है। उन्होंने बताया यहां तक कि मालगोदाम में पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। व्यापारी अपने स्तर से पानी का इंतजाम करने को विवश हैं।
गया मालगोदाम के लगभग 20 मर्चेंट लगभग कई वर्षों से फर्स बनाने एवं इसके बगल में गड्ढे को भरने का डिमांड करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक न तो सही से बना है और न तो गड्ढा ही भरा गया है। जिससे आए दिन इस तरह की घटना घटते रहती है। हालांकि मंगलवार को सीमेंट लदे ट्रैक्टर के पलटने से किसी व्यक्ति को हानि या क्षति पहुंची है। परन्तु 50,000 रुपये के माल का नुकसान हुआ है। अल्ट्राटेक कंपनी के प्रतिनिधि ने इस पर जबरदस्त विरोध प्रकट किया है। साथ ही यहां ड्यूटी पर रहे रेलवे के सुपरवाइजर फिरोज खान को काफी भला-बुरा सुनना पड़ा है। संजय कुमार ने इस घटना से वाणिज्य विभाग के स्थानीय पदाधिकारी को अवगत कराया है। बताया गया कि इस बात की जानकारी हायर अथॉरिटी को दे दी गई है की मालगोदाम में पानी(जल जमाव) से भरा हुआ है। इसको लेकर सभी मर्चेंट ने रेल प्रशासन से अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। बता दें कि गया मालगोदाम में प्रतिदिन रेलवे को करीब एक करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है। अभी मालगोदाम में सीमेंट एवं खाद दोनों के रेक सर्वाधिक आते है। ऐसे में जल जमाव व क्षतिग्रस्त प्लेटफार्म(फर्स) के कारण व्यापारियों को नुकसान होता है। एक तरफ रेलवे मर्चेंट के साथ जूम मीटिंग कर रेल के साथ व्यवसाय करने की अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें कोई सुविधा उपलब्ध करवाने में रेल प्रशासन असमर्थ है।