रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने खराब वित्तीय हालात को देखते हुए बंगाल के हावड़ा जिले के बगनान में स्थित यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद कर दिया है। आरबीआइ के इस फैसले के बाद 13 मई 2021 से ही इस को-ऑपरेटिव बैंक के सभी तरह की बैंकिंग कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आरबीआइ की ओर से बयान में बताया गया कि बंगाल के को-ऑपरेटिव सोसायटीज के रजिस्ट्रार ने भी बैंक को बंद करने और लिक्विडेटर की नियुक्ति करने का आग्रह किया था। लेकिन, यूनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 के कुछ नियमों को भी पूरा नहीं कर रहा था। साथ ही कहा कि बैंक पर पाबंदियां नहीं लगाना उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए सही नहीं होगा।
बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ अपने डिपॉजिटर्स को पूरा पेमेंट करने में भी असमर्थ होगा। अगर बैंक को कारोबार जारी रखने की इजाजत दी जाती है तो ये ग्राहकों के हितों के खिलाफ होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए बैंक का लाइसेंस रद करते हुए सभी बैंकिंग गतिविधियां पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी गई है।
बैंक के सभी जमाकर्ताओं को क्रेडिट गारंटी के जरिेए पूरी जमा रकम लौटाई जाएगी
बैंक के सभी जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के जरिेए पूरी जमा रकम लौटाई जाएगी। आरबीआइ ने कहा कि लाइसेंस रद होने और जरूरी कार्यवाही शुरू होने के साथ ही डीआइसीजीसी एक्ट, 1961 के तहत जमाकर्ताओं को उनकी रकम लौटा दी जाएगी। बैंक की ओर से ग्राहकों के बारे में जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं, उसी के मुताबिक सभी जमाकर्ताओं को पूरी रकम लौटाई जाएगी। इसके लिए केंद्रीय नियमों के मुताबिक, पांच लाख रुपये तक की अधिकतम सीमा का पालन भी किया जाएगा।
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